कर चले हम फिदा कविता का भावर्थ – कैफी आजमी

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 Summary

यहाँ हम पढ़ने वाले हैं:
1. कैफ़ी आजमी का जीवन परिचय
2. कर चले हम फिदा कविता 
3. कर चले हम फिदा कविता का सार
4. कर चले हम फिदा कविता का भावार्थ 
5. कर चले हम फ़िदा प्रश्न-अभ्यास 
6. Hindi Sparsh Class 10 Chapters Summary
7. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Question Answer

1. कैफ़ी आजमी का जीवन परिचय :
उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के छोटे से गाँव मिजवां में 14 जनवरी 1919 में इनका जन्म हुआ था । इन्हें बचपन से ही कविताएँ पढ़ने का शौक था। भाइयों द्वारा प्रोत्साहित किये जाने पर ये खुद भी कविताएं लिखने लगे। 11 साल की उम्र में इन्होंने अपनी पहली गज़ल लिखी।

धार्मिक रूढि़वादिता से परेशान कैफी साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित हुए और उन्होंने निश्चय किया कि वे सामाजिक संदेश के लिए ही अपनी लेखनी का उपयोग करेंगे। उनकी रचनाओं में आवारा सज़दे, इंकार, आख़िरे-शब आदि प्रमुख हैं।


क़ैफ़ी आज़मी को राष्ट्रीय पुरस्कार के अलावा कई बार फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। 1974 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।

2. कर चले हम फिदा कविता 

कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते क़दम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया

मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने के रुत रोज़ आती नहीं
हस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे
वह जवानी जो खूँ में नहाती नहीं

आज धरती बनी है दुलहन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
फतह का जश्न इस जश्न‍ के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले

बांध लो अपने सर से कफ़न साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

खींच दो अपने खूँ से ज़मी पर लकीर
इस तरफ आने पाए न रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

3. कर चले हम फिदा कविता का सार :
कैफ़ी आजमी जी ने प्रस्तुत कविता को चीन और भारत के बीच युद्ध के समय बनी फिल्म “हकीक़त” के लिए लिखा था। इस कविता का उद्देश्य भारतीय नौजवानों में देशभक्ति की ऊर्जा का संचार करना था। उस समय युद्ध के दौरान बहुत से जवान शहीद हो रहे थे। ऐसे में हर जगह मायूसी ही छाई थी। कवि इस गीत को लिख कर नौजवानों के अंदर ऊर्जा फूंकना चाहते थे, जिससे कि वो देशभक्ति की भावना से भरकर हँसते-हँसते अपना बलिदान कर सकें। इस कविता से हमें उस समय युद्ध-भूमि में अपने प्राणों की बाजी लगा रहे जवानों की मनोस्थिति का पता चलता है।

4. कर चले हम फिदा कविता का भावार्थ 

कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते क़दम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया

मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
कर चले हम फिदा कविता का भावार्थ : प्रस्तुत पंक्तियों में कैफ़ी आज़मी जी ने युद्ध में शहीद होने वाले एक सैनिक के अंतिम क्षणों की मनोदशा का वर्णन किया है। युद्ध-भूमि में शहीद हो रहे सैनिक अपनी अंतिम सांसों को समेट कर दूसरे सैनिक साथियों से कहते हैं कि हमने तो अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। अब देश की रक्षा का भार तुम्हारे हाथों में है।

मृत्यु को सामने देखकर भी हमने अपने कदम पीछे नहीं हटाए और मातृभूमि के सारे दुश्मनों का डट कर सामना किया। हमें हमारे सिर कटने का भी कोई गम नहीं है, बल्कि हमें इस बात का गर्व है कि हमने हिमालय (भारत माता) का सिर झुकने नहीं दिया। अर्थात् हमने दुश्मनों को अपनी सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया। अब हम दूसरी दुनिया में जा रहे हैं, देश की रक्षा अब तुम्हें करनी है।

ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने के रुत रोज़ आती नहीं
हस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे
वह जवानी जो खूँ में नहाती नहीं

आज धरती बनी है दुलहन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
कर चले हम फिदा कविता का भावार्थ : प्रस्तुत पंक्तियों में एक सैनिक दूसरे से कह रहा है कि हमें जीने के लिए हजारों अवसर मिलते हैं, परन्तु शहीद होने के ऐसे शुभ अवसर कभी-कभी ही नसीब होते हैं। ऐसी जवानी ही क्या जिसने कभी दूसरों की भलाई के लिए त्याग या बलिदान ही ना किया हो। जो जवान खून से नहाया न हो, वह भला कैसे अपने प्यार की मर्यादा की रक्षा करेगा। आज धरती किसी दुल्हन के समान है, जिसकी मान-मर्यादा हमारे हाथों में हैं। हमें अपने रक्त की एक-एक बूंद बहाकर भी इसके मान-सम्मान को बचाए रखना है। मैं तो मृत्यु को प्राप्त होने वाला हूँ, इसलिए अब यह आपका कर्तव्य है।

राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
फतह का जश्न इस जश्न‍ के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले

बांध लो अपने सर से कफ़न साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
कर चले हम फिदा कविता का
भावार्थ : प्रस्तुत पंक्तियों में एक शहीद होता हुआ सैनिक अपने साथी सैनिक से कहता है कि हे मेरे वीर साथियों! मेरे जैसे लाखों वीरों के शहीद होने पर भी यह युद्ध का मैदान कभी सूना नहीं पड़ना चाहिए। इसमें हम जैसे नौजवान मातृभूमि की रक्षा की ख़ातिर शहीद होने के लिए निरंतर आगे आते रहने चाहिए। इस जंग को जीत कर ही हम जश्न मना पाएंगे। हम ऐसी जंग में जा रहे हैं, जहाँ कभी भी मृत्यु हमें गले लगा सकती है। अब अपने अंदर से मृत्यु का भय निकाल कर सिर पर कफ़न बाँधकर मौत से मिलने के लिए तैयार हो जाओ। अपने प्यारे वतन की रक्षा तुम्हें हर हाल में करनी है। इसलिए हौसले से डट कर लड़ो साथियों, ये मेरा वतन अब तुम सभी के हवाले है।

खींच दो अपने खूँ से ज़मी पर लकीर
इस तरफ आने पाए न रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
कर चले हम फिदा कविता का भावार्थ : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कैफ़ी आजमी जी एक शहीद होते हुए सैनिक के माध्यम से देश के बहादुर सैनिकों को यह संदेश देते हैं कि हमें सीमा पर अपने खून से लक्ष्मण रेखा खींच देनी है, ताकि दुश्मन रूपी रावण हमारी सरज़मीं पर कदम भी ना रख सके। कवि यहाँ भारतवर्ष की तुलना सीता माता से करते हुए कहते हैं कि अगर कोई भी हाथ इसकी ओर उठे, तो उसे वहीं तोड़ देना चाहिए।

जैसे प्रभु श्री राम एवं लक्ष्मण जी ने माँ सीता को रावण से बचाया, ठीक उसी प्रकार तुम्हें भी हर हाल में भारत माता की रक्षा करनी होगी। शहीद हो रहा सैनिक अपने साथियों से आखिरी साँस लेते हुए कहता है – “मैं भले ही शहीद हो रहा हूँ, लेकिन अब वतन तुम्हारे हवाले है, इसकी हर हालत में रक्षा करना मेरे बहादुर साथियों!”

5. Kar Chale ham Fida NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh

6. Hindi Sparsh Class 10 Chapters Summary
Chapter 1 : कबीर की साखी- कबीर
Chapter 2 : मीरा के पद- मीरा
Chapter 3 : बिहारी के दोहे- बिहारी
Chapter 4 : मनुष्यता– मैथिलीशरण गुप्त
Chapter 5 : पर्वत प्रदेश में पावस– सुमित्रानंदन पंत
Chapter 6 : मधुर मधुर मेरे दीपक जल– महादेवी वर्मा 
Chapter 7 : तोप– वीरेन डंगवाल
Chapter 8 : कर चले हम फिदा– कैफी आजमी
Chapter 9 : आत्मत्राण– रवींद्रनाथ टैगोर

7. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Question Answer
Chapter 1: Kabir Ki Sakhi Ncert Solutions
Chapter 2: Mera Bai Ke Pad Ncert Solutions
Chapter 3: Bihari Ke Dohe Ncert Solutions 
Chapter 4: Manushyata Ncert Solutions 
Chapter 5: Parvat Pradesh Ncert Solutions
Chapter 6: Madhur Madhur Ncert Solutions
Chapter 7: Top Ncert Solutions 
Chapter 8: Kar Chale Ham Ncert Solutions 
Chapter 9: Atmatran Ncert Solutions

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