संत कबीर दास के दोहे अर्थ सहित – Kabir Das Ke Dohe Arth Sahit
धीरे धीरे रे मना का अर्थ – Dheere Dheere Re Mana Ka Arth
कबीर के दोहे:
धीरे धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय
Dheere dheere re mana doha Meaning in Hindi
कबीर के दोहे धीरे धीरे रे मना का अर्थ: अपने इस दोहे में हिंदी भाषा के महान कवि कबीर जी कहना चाहते हैं कि हमें हर काम एक नियमित गति से ही करना चाहिए। यह ज़रूरी नहीं है कि जल्दबाज़ी करने से कोई काम जल्दी हो ही जाए।
कबीरदास जी उदाहरण देते हुए कहते हैं कि जिस प्रकार माली भले ही पेड़ में हर दिन सौ घड़े पानी डाले, लेकिन पेड़ पर फल तो फलों की सही ऋतु आने पर ही लगते हैं। ठीक उसी प्रकार, हम चाहे कितनी भी जल्दबाज़ी कर लें। सही काम उचित समय आने पर ही सफल या पूरे होते हैं।
अतः हमें धैर्यपूर्वक अपने काम करते रहने चाहिए और फलों की चिंता नहीं करनी चाहिए। जब सही समय आएगा, तो आपको आपके अच्छे कामों का फल ज़रूर मिल जाएगा।
Dheere dheere re mana doha in English
dheere dheere re mana, dheere sab kuch hoyemali seenche so ghara, ritu aaye phal hoye
कबीर के दोहे:
धीरे धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा ना कोय
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब ॥
ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोये |
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए ||
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