Meera Ke Pad Class 11 Question Answer

मीरा के पद प्रश्न अभ्यास 

मीरा के पद प्रश्न 1. मीरा कृष्ण की उपासना किस रूप में करती है? वह रूप कैसा है?

मीरा के पद उत्तर: मीरा श्री कृष्ण की उपासना पति रूप में करती हैं क्योंकि वो उनको अपना पति मानती हैं और जिस प्रकार एक पत्नी अपने पति की सेवा करती है ठीक उसी प्रकार वो भी श्री कृष्ण की सेवा करती हैं।

वो अपने आराध्य की भक्ति में पैरों में घुँघरू बांध कर नाचती हैं और साधु संतों की संगति में बैठी रहती हैं। उनके इष्ट भगवान श्री कृष्ण का रूप मोर के मुकुट को धारण करने वाला है और मन को मोहने वाला है।


मीरा के पद प्रश्न 2. भाव व शिल्प सौंदर्य स्पष्ट कीजिए –

(क) अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेलि बोयी
अब त बेलि फैलि गई, आणंद-फल होयी

(ख) दूध की मथनियाँ बड़े प्रेम से विलोयी
दधि मथि घृत काढ़ि लियो, डारि दयी छोयी

मीरा के पद उत्तर: (क) प्रस्तुत पंक्तियों में भाव-भक्ति का वर्णन किया गया है। कवयित्री मीराबाई जी कहती हैं कि कृष्ण के प्रेम के जिस बेल को मैंने अपने आंसुओं से सींचा था वह बेल अब फैलकर बड़ी हो गयी है और उसमें आनंद रूपी फल आ गए हैं। 

भाषा में सरसता है, सींची–सींची में पुनरोक्ति अलंकार है, प्रेम-बेली एवं आनंद-फल में रूपक अलंकार है, बेली बोयी बेली फैलि में अनुप्रास अलंकार का उपयोग है, एवं राजस्थानी मिश्रित बज्र भाषा में अलौकिक आनन्द का वर्णन किया गया है।

(ख) प्रस्तुत पंक्तियों में मीरा के कृष्ण प्रेम की तुलना मक्खन से की गयी है, जिस प्रकार दही को मथ कर घी अलग कर लिया जाता है और छाछ को छोड़ दिया जाता है उसी प्रकार मीरा ने अपने जीवन में से सांसारिक मोह माया को त्याग दिया है और कृष्ण प्रेम को अपना लिया है।

इन पंक्तियों में उदाहरण अलंकार का उपयोग किया गया है। प्रतीकात्मक शैली का उपयोग किया गया है एवं लयात्मकता बहुत सुंदर ढंग से दिखती है।

मीरा के पद प्रश्न 3. लोग मीरा को बावरी क्यों कहते हैं?

मीरा के पद उत्तर: मीरा कृष्ण की भक्ति में इतनी डूब चुकी हैं कि उन्हें दिन-दुनिया की कोई सुध नहीं है । वो राजमहल की सारी सुख-सुविधाओं को छोड़कर पूरे समय मंदिरों में बैठी रहती हैं और पैरों में घुँघरू बांध कर नाचती रहती हैं।

वो हर समय साधु-संतों के बीच बैठी रहती हैं। उनका आचरण राजघराने की कुलवधू जैसा बिलकुल भी नहीं है। इसलिए लोग कहते हैं कि वे बावरी हो गई हैं और उनकी मति भ्रष्ट हो गयी है।

मीरा के पद प्रश्न 4. विस का प्याला राणा भेज्या, पीवत मीरां हाँसी – इसमें क्या व्यंग्य छिपा है?

मीरा के पद उत्तर: मीरा के आचरण को देखते हुए उनके देवर राणा ने उनको विष देकर मारना चाहा , इसलिए उसने मीरा को विष भेज दिया। वो विष का प्याला मीराबाई ने पी लिया और फिर उनको संसार की मूर्खता पर हंसी आ गयी।

वे सोचने लगीं कि संसार के लोग कितने मूर्ख हैं, उनको लगता है कि वो विष पिलाकर मेरे प्राण ले सकते है, जबकि सच्चाई तो यह है कि जो भगवान के सच्चे भक्त होते हैं उनको कोई भी सांसरिक व्यसनों में लिप्त व्यक्ति मार नहीं सकता। उन पर तो सदा ईश्वर का हाथ होता है।

मीरा के पद प्रश्न 5. मीरा जगत को देखकर रोती क्यों हैं?

मीरा के पद उत्तर: मीराबाई कहती हैं कि जब भी वो संसार के लोगों को ईश्वर की भक्ति करते हुए देखती हैं तो उन्हें बहुत प्रसन्नता होती है परंतु जब भी वो देखती हैं कि लोग भगवान की भक्ति को छोड़कर सांसारिक मोह माया में उलझे हुए हैं तो उन्हें देखकर मीराबाई जी को अत्यंत पीड़ा होती है और उनको बहुत रोना आता है।

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