Hindi Vasant Class 8 Solutions All Chapters
Chapter 01. ध्वनि(सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला”)
Chapter 04. दीवानों की हस्ती(भगवती चरण वर्मा)
Chapter 06. भगवन के डाकिये(रामधारी सिंह दिनकर)
Chapter 08. यह सबसे कठिन समय(जया जादवानी)
Chapter 09. कबीर की साखियाँ (कबीर)
Chapter 12. सुदामा चरित(नरोत्तमदास)
Chapter 15. सूर के पद(सूरदास)
01. ध्वनि: प्रस्तुत कविता “ध्वनि” में कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला” जी ने प्रकृति का बहुत ही सुन्दर वर्णन करते हुए, मानव के मन की भावनाओं को दर्शाया है। इस कवितों को पढ़ने और अत्यंत छोटे और आसान शब्दों में समझने के लिए आगे पढ़ें …
04. दीवानों की हस्ती: कवि भगवती प्रसाद वर्मा जी ने अपने प्रस्तुत कविता “दीवानों की हस्ती” में एक मस्तमौला और बेफिक्र व्यक्ति के स्वभाव का वर्णन किया है। उनके अनुसार ऐसे दीवानें वयक्ति जहाँ भी जाते हैं, वहां केवल खुशियां ही फैलाते हैं। आगे पढ़ें …
06. भगवन के डाकिये: अपने इस कविता में कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने पक्षियों और बादलों को भगवन के डाकिये बताते हुए, ये कहा है कि ये एक एक देश से सन्देश दूसरे देश तक ले जाते हैं। उनके इन संदेशों को पर्वत, पेड़-पौधे और पानी भली-भांति समझ लेते हैं। आगे पढ़ें …
08. यह सबसे कठिन समय नहीं: अपने प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री जया जादवानी हमें ये बताना चाह रही है कि समय इतना भी ख़राब नहीं है। लोग अभी भी एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। वे हम सब को आशा की किरण दिखा कर ये बता रही है कि ये सबसे बुरा वक्त नहीं है। आगे पढ़ें …
09. कबीर की साखियाँ: अपने इन दोहों में संत कवि कबीर दास जी ने एक भर फिर हमें जीने की सही राह दिखाई है। उनके इन दोहों को सरल शब्दों में पढ़कर अच्छी तरह समझने के लिए आगे पढ़ें …
12. सुदामा चरित: नरोत्तमदास जी ने प्रस्तुत कविता में श्री कृष्ण और सुदामा के मित्रता का वर्णन करते हुए कृष्ण की लीला के बारे में बताया है। उनके अनुसार कृष्ण की लीला अपरम्पार है, उन्हें समझना साधारण मनुष्य के बस में नहीं। आगे पढ़ें …
15. सूर के पद: अपने प्रस्तुत पदों में सूरदास जी ने कृष्ण के बाल रूप का वर्णन किया है। इसे बड़ी ही सरल और प्यारी भाषा में पढ़ने और समझने के लिए आगे पढ़ें …
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