भगवान के डाकिए का भावार्थ – Bhagwan Ke Dakiye Class 8 Summary

वसंत भाग 3 कक्षा 8 पाठ 6 – Hindi Vasant Class 8 Chapter 6 Solutions

भगवान के डाकिए का भावार्थ – Bhagwan Ke Dakiye Class 8 Summary

रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय(Ramdhari Singh Dinkar Ka Jeevan Parichay) : महान कवि और लेखक श्री रामधारी सिंह दिनकर जी का जन्म 26 सितम्बर 1908 में बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गाँव में हुआ। इनकी कविताएं जोश, क्रांति, विद्रोह और आक्रोश के भावों से भरी नज़र आती हैं। 

इन्होंने रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, उर्वशी जैसी महान रचनाएं लिखीं। रामधारी सिंह दिनकर जी को ‘उर्वशी’ के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार तथा ‘संस्कृति के चार अध्याय’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही, इन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण की उपाधि भी दी।

Hindi Vasant Class 8 Solutions All Chapters
Chapter 01. ध्वनि(सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला”)
Chapter 04. दीवानों की हस्ती(भगवती चरण वर्मा)
Chapter 06. भगवन के डाकिये(रामधारी सिंह दिनकर)
Chapter 08. यह सबसे कठिन समय(जया जादवानी)
Chapter 09. कबीर की सखियाँ (कबीर)
Chapter 12. सुदामा चरित(नरोत्तमदास)
Chapter 15. सूर के पद(सूरदास)



भगवान के डाकिए – Bhagwan Ke Dakiye Poem

पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड
बाँचते हैं।

हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।


भगवान के डाकिए कविता का सारांश – Bhagwan Ke Dakiye Poem Meaning in Hindi : भगवान के डाकिए कविता में कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने पक्षी और बादलों को भगवान के डाकिए कहा है। उनके अनुसार ये एक देश के संदेशों को दूसरे देश तक पहुंचाते हैं। भले ही हम उनके पत्रों को ना समझ पाएं, लेकिन पर्वत, पेड़-पौधे और पानी आदि इनकी चिट्ठियां आसानी से पढ़ लेते हैं। कवि के अनुसार, हवाओं में तैरते बादल और बादलों पर उड़ते पक्षी एक देश की खुशबू और भाप को दूसरे देश तक ले जाते हैं। 

भगवान के डाकिए का भावार्थ – Bhagwan Ke Dakiye Class 8 Summary

पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड
बाँचते हैं।
भगवान के डाकिए भावार्थ: भगवान के डाकिए कविता की इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि आसमान में तैरते बादल और पक्षी भगवान के डाकिए हैं। ये एक देश से उड़कर दूसरे देश तक जाते हैं और ख़ास संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं। ये संदेश हम समझ नहीं पाते, लेकिन भगवान के संदेश को पर्वत, जल, पेड़-पौधे आदि बख़ूबी समझ लेते हैं।

हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
भगवान के डाकिए भावार्थ: रामधारी सिंह दिनकर जी ने यहां हमें प्रकृति की महानता के बारे में बताया है। हम तो धरती को सीमाओं में बांट लेते हैं, लेकिन प्रकृति के लिए सब एक-समान हैं। इसीलिए एक देश की धरती अपनी सुगंध दूसरे देश को भेजती है। ये सुगंध पक्षियों के पंखों पर बैठकर यहां-वहां फैलती है और एक देश की भाप, दूसरे देश में पानी बनकर बरस जाती है।


Bhagwan Ke Dakiye Question and Answers – Ncert Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 

Bhagwan Ke Dakiye Question 1
प्र॰1 कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
Ncert Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 उत्तर. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहा है क्योंकि जिस तरह डाकिए लोगों के संदेशों को लेकर यहां-वहां जाते हैं, ठीक उसी तरह, ये दोनों भी भगवान के संदेशों को हम तक पहुँचाते हैं। उनके संदेशों को पढ़ना हमारे लिए भले ही मुश्किल हो, लेकिन पेड़-पौधे, पर्वत और धरती इन्हें आसानी से पढ़ लेते हैं। कवि ने इस कविता में हमें आपसी भेदभाव को भूलकर मिलजुलकर रहने की सीख भी दी है। 

Bhagwan Ke Dakiye Question 2
प्र॰2 पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।
Ncert Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 उत्तर. पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को केवल पर्वत, पेड़-पौधे और पानी ही पढ़ पाते हैं क्योंकि वही उनकी भाषा को अच्छी तरह से समझते हैं।

Bhagwan Ke Dakiye Question 3
प्र॰3 इन पंक्तियों का क्या भाव है-
क. पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
Ncert Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 उत्तर. इस पंक्ति में कवि कह रहे हैं कि भगवान के डाकिए यानी पक्षी और बादल हमें मिलजुलकर रहने की शिक्षा देते हैं। वो किसी भी देश से भेदभाव नहीं करते और सबको प्यार व एकता से रहने का संदेश देते हैं।

ख. प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर. इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि प्रकृति की नज़रों में सभी एक-समान हैं। वो किसी से भेदभाव नहीं करती, तभी तो एक देश से उठने वाली भाप दूसरे देश में बादल बनकर जाती है और प्यार-भरी बारिश कर देती है। 

Bhagwan Ke Dakiye Question 4
प्र॰4 पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेडे़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
Ncert Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 उत्तर. पेड़-पौधे, पानी और पहाड़, पक्षी और बादल की चिट्ठियों में भगवान द्वारा भेजा गया एकता और सद्भावना का संदेश पढ़ पाते हैं। इस पर अमल करते हुए, नदी सबको अपना जल देती है, पहाड़ सबको आश्रय देता है और पेड़-पौधे भी सभी को एकसमान रूप से अपने फल-फूल और सुगंध देते। 

Bhagwan Ke Dakiye Question 5
प्र॰5 “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है’’- कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
Ncert Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 उत्तर. इस कथन में कवि कह रहे हैं कि प्रकृति किसी सीमा में बंधी हुई नहीं होती है। वो बिना किसी रोकटोक और भेदभाव के, एक देश की खुशबू और हवाओं को दूसरे देश में भेजती है।

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