Gazal Class 12 Summary – फिराक गोरखपुरी

Gazal Class 12 Hindi chapter 9 Poem Summary

गज़ल कविता का सारांश- Gazal Class 12 Short Summary

प्रस्तुत काव्य पंक्तियां उर्दू के मशहूर शायर एवं कवि फ़िराक गोरखपुरी द्वारा रचित है। इस ग़ज़ल में कवि कहते हैं कि समाज के लोगों ने हर वक्त उन पर कटाक्ष किया है और समाज के लोगों के साथ-साथ उनकी किस्मत ने भी उनका कभी साथ नहीं निभाया है। 

कवि प्रस्तुत गज़ल  के माध्यम से कहते हैं कि उनको यह काली रात बिल्कुल सुनी-सुनी सी लगती है और उन्हें ऐसा लगता है कि यह काली सुनी सी रातें उन्हें हर वक्त बुला रही है। 


शायर आगे बढ़ते हुए कहते हैं कि इस दुनिया में प्रेम वही कर सकता है, जो अपना सर्वस्व खो चुका हो। जब शराबी व्यक्ति शराब पीता है, तो वह उस वक्त अपनी प्रेमिका को याद करता है और गज़ल के अंतिम शेर में कवि यह स्वीकार करते हैं कि उनके गज़ल पर मीर की गजलों का अत्यधिक प्रभाव पड़ा है।

Gazal Class 12 – गज़ल फिराक गोरखपुरी

नौरस गुंचे पंखड़ियों की नाजुक गिरहें खोले हैं
या उड़ जाने को रंगो-बू गुलशन में पर तोले हैं।

तारे आँखें झपकावें हैं जर्रा – जर्रा सोये हैं
तुम भी सुनो हो यारो! शब में सन्नाटे कुछ बोले हैं

हम हों या किस्मत हो हमारी दीनों को इक ही काम मिला
किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो ले हैं।

जो मुझको बदनाम करे हैं काश वे इतना सोच सकें
मेरा परदा खोले हैं या अपना परदा खोले हैं।

ये कीमत भी अदा करे हैं हम बदुरुस्ती-ए-होशो-हवास
तेरा सौदा करने वाले दीवाना भी हो ले हैं

तेरे गम का पासे-अदब है कुछ दुनिया का खयाल भी हैं
सबसे छिपा के दर्द के मारे चुपके-चुपके रो ले हैं

फ़ितरत का कायम हैं तवाज़ुन आलमे- हुस्नो-इश्क में भी
उसको उतना ही पाते हैं खुद को जितना खो ले हैं

आबो-ताब अश्आर न पूछो तुम भी आँखें रक्खो हो
ये जगमग बैतों की दमक है या हम मोती रोले हैं

ऐसे में तू याद आए है अंजुमने-मय में रिंदों को
रात गए गर्दूं पै फ़रिश्ते बाबे-गुनह जग खोले हैं

सदके फ़िराक एज़ाजे-सुखन के कैसे उड़ा ली ये आवाज़
इन गज़लों के परदों में तो ‘मीर’ की गज़लें बोले हैं

गज़ल कविता की व्याख्या- Gazal Class 12 Summary

नौरस गुंचे पंखड़ियों की नाजुक गिरहें खोले हैं
या उड़ जाने को रंगो-बू गुलशन में पर तोले हैं।

Gazal Class 12 Summary: प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में कवि ने बसंत ऋतु का वर्णन करते हुए कहा है कि यह वह माह है, जब फूलों की कलियों में कोमल पंखुड़िया अपनी गांठे खोलती हैं। यह पंखुड़िया धीरे-धीरे फूल बन जाती है और तब ऐसा प्रतीत होता है, जैसे फूलों की रंग और सुगंध खुले आसमान में उड़ने के लिए अपने पंखों में उड़ान भर रहे हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि जब बागों में बसंत के महीने में फूल खिलते हैं, तो उसके सभी फूल अपने खुशबू से संपूर्ण वातावरण को सुगंधित कर देते हैं।

कठिन शब्द नौरस– नविन रस, गुच– कली, नाज़ुक-कोमल, गिरहें– बंधन, गुत्थियाँ, बू- खुशबू, गुलशन– बगीचा पर तोलना- पंख फैलाकर उड़ना।

तारे आँखें झपकावें हैं जर्रा – जर्रा सोये हैं
तुम भी सुनो हो यारो! शब में सन्नाटे कुछ बोले हैं

Gazal Class 12 Summary: कवि कहते हैं कि रात ढलने को है और तारे भी अपनी आंखें झुकाने वाले हैं, यह दृश्य बिल्कुल एकांत शांत हो चुका है। कवि कहते हैं कि यह रात जैसे मानो मुझे पुकार रही है, मुझे कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।

कठिन शब्द- जरा-ज़रा-कण-कण, शब-रात। 

हम हों या किस्मत हो हमारी दीनों को इक ही काम मिला
किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो ले हैं।

Gazal Class 12 Summary: शायर आगे बढ़ते हुए कहते हैं कि संपूर्ण दुनिया में मेरी किस्मत और मैं कुछ एक जैसे ही हैं। किस्मत और मैं हम दोनों एक ही काम करते हैं। मेरे जीवन में इतना अभाव है कि इसके लिए मैं अपने किस्मत को कसूरवार मानता हूं और अपने किस्मत पर रोता भी हूं। वहीं दूसरी ओर मेरी किस्मत मेरी इस दुर्दशा को देखकर रोती है। वह शायद मेरे किस्मत पर चिढ़ती है।

कठिन शब्द- द्वक-एक, लेवे हैं-लेती है।

जो मुझको बदनाम करे हैं काश वे इतना सोच सकें
मेरा परदा खोले हैं या अपना परदा खोले हैं।

Gazal Class 12 Summary: कवि आगे बढ़ते हुए कहते हैं कि इस संपूर्ण संसार में कुछ लोग ऐसे हैं, जो मुझे हर वक्त बदनाम करना चाहते हैं। कवि अपने निंदको के लिए सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि जो भी व्यक्ति उनकी बुराई कर रहे हैं, वह ऐसा करके कवि की बुराई तो कर ही रहे हैं, साथ ही साथ वह व्यक्ति अपनी भी कमियों को प्रकाशित कर रहे हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति लोगों को बदनाम करते हैं, वह बदनामी करके अपने स्वभाव का भी परिचय दे जाते हैं।

कठिन शब्द- यरदा-रहस्य।

ये कीमत भी अदा करे हैं हम बदुरुस्ती-ए-होशो-हवास
तेरा सौदा करने वाले दीवाना भी हो ले हैं

Gazal Class 12 Summary: कवि आगे बढ़ते हुए कहते हैं कि मैं अपने पूरे विवेक के साथ तुम्हारे प्रेम का कीमत अदा करने के लिए तैयार हूं। मैं तुम्हारे प्रेम का सौदा करने वाला हूं और उस वादे के लिए मैं खुद को दीवाना बनाने के लिए तैयार हूं। कवि कहते हैं कि जो व्यक्ति प्रेमी होता है, वह इस समाज की नजरों में बहुत बड़ा पागल होता है।

कठिन शब्द-कामत-मूल्य, अदा-चुकाना, बदुरुस्ती-ए-होशो-हवास-विवेक के साथ।

तेरे गम का पासे-अदब है कुछ दुनिया का खयाल भी हैं
सबसे छिपा के दर्द के मारे चुपके-चुपके रो ले हैं

Gazal Class 12 Summary: आगे बढ़ते हुए कवि अपनी प्रेमिका को संबोधित करते हुए कहते हैं कि मुझे तुम्हारे गम का भी ख्याल है। मैं तुम्हारे दर्द का सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे इस संपूर्ण संसार का भी ख्याल है। यदि मैं तुम्हारे दु:ख को हर वक्त दुनिया के लोगों के सामने व्यक्त करुंगा, तो ऐसा करके मैं हमारे प्रेम को बदनाम करूंगा।

इसलिए मैं तुम्हारी इस पीड़ा को अपने हृदय के अंदर दफ़न कर लेता हूं और चुपचाप अकेले में ही शोक मना लेता हूं। कहने का तात्पर्य यह है कि कवि अपने दु:ख को समाज के सामने दुनिया के सामने प्रस्तुत नहीं करना चाहते।

कठिन शब्द-पासे-अदब-लिहाज– सम्मान का भाव। 

फ़ितरत का कायम हैं तवाज़ुन आलमे- हुस्नो-इश्क में भी
उसको उतना ही पाते हैं खुद को जितना खो ले हैं

Gazal Class 12 Summary: कवि कहते हैं प्रेम और सौंदर्य के इस संपूर्ण दुनिया में संतुलन स्थापित है। यह संतुलन कुछ ऐसा है कि हम लोगों को जितना प्रेम देते हैं, उससे कई गुना प्रेम प्राप्त करते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि किसी से प्रेम करने से पूर्व व्यक्ति को स्वयं को मिटाना पड़ता है, जो व्यक्ति प्रेम में जितना अधिक समर्पण करता है, वह बदले में उतना ही अधिक प्रेम पाता है।

कठिन शब्द- तवाजुन-संतुलन, आलमे-हुस्न-द्वश्क-प्रेम और सौंदर्य का संसार।

आबो-ताब अश्आर न पूछो तुम भी आँखें रक्खो हो
ये जगमग बैतों की दमक है या हम मोती रोले हैं

Gazal Class 12 Summary: आगे बढ़ते हुए कवि अपनी प्रेमिका से कहते हैं कि तुम्हें मेरी शायरी की चमक दमक दिखाई  देती है, यदि तुमको मेरी शायरी की चमक दमक दिखाई देती है, तो तुम कृपया उसमें फ़िदा मत होना। तुम्हें अपनी आंखें हमेशा खुली रखनी चाहिए और ध्यान रखना चाहिए।

कवि कहते हैं कि मेरी शायरी में आज तुमको जो भी चमक दिखाई दे रही है, उसके पीछे का कारण मेरे आंसू हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि कवि के जीवन में जितना भी दु:ख है। वह सम्पूर्ण दु:ख उनके काव्य में साफ़ उभर कर आता है।

कठिन शब्द-आबो-ताब अश्आर-चमक-दमक के साथ, बैत-शेर, रोले—आँसू। 

ऐसे में तू याद आए है अंजुमने-मय में रिंदों को
रात गए गर्दूं पै फ़रिश्ते बाबे-गुनह जग खोले हैं 

Gazal Class 12 Summary: कवि अपने प्रेमिका से कहते हैं कि जब मुझे दु:ख होता है। उस वक्त तुम ही सबसे ज्यादा याद आती हो, जिस तरीके से शराबी शराब पीते वक्त अपनी प्रेमिका को याद करते हैं, ठीक उसी प्रकार इस आधी अंधेरी रात में मुझे तुम याद आ रही हो। 

कठिन शब्द- अंजुमने-मय-शराब का रंगमंच, रिदों- शराबियों, गर्दूं – आकाश, बाबे- गुनाह। 

सदके फ़िराक एज़ाजे-सुखन के कैसे उड़ा ली ये आवाज़
इन गज़लों के परदों में तो ‘मीर’ की गज़लें बोले हैं

Gazal Class 12 Summary: अंत में फिर कवि कहते हैं कि मेरी गज़लों पर बहुत सारे लोग मन मुग्ध हो जाते हैं और कहते हैं कि क्या ग़ज़ल लिखा है तुमने, लोग हर तरफ से मेरी तारीफ़ करते हैं। लेकिन मैं एक बात स्पष्ट रूप से कह देना चाहता हूं कि मेरी ग़ज़ल पर मीर साहब के गज़लों  का बहुत प्रभाव है। शायद यही वजह है कि मुझे इतनी सफलता प्राप्त होती है।

कठिन शब्द-सदके-कुर्बान, एजाज-सुखन-बेहतरीन काव्य,  परदा-चरण।

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