class 10 hindi chapter 1 mata ka aanchal extra question answer

इस चैप्टर में हम कक्षा 10 की पुस्तक कृतिका में दिए गए पहले अध्याय ‘माता का अँचल के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर’ ( Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 Mata Ka Anchal Extra Question Answer) पढ़ेंगे और समझेंगे।

mata ka aanchal class 10 extra question answer

mata ka anchal class 10 extra question 1. लेखक किस घटना को याद करके कहता है कि वैसा घोड़मुँहा आदमी हमने कभी नहीं देखा? माता का अंचल पाठ के आधार पर बताइए।

माता का अँचल उत्तर- लेखक के बचपन की एक घटना है एक दिन लेखक और उनके मित्र मंडली किसी दूल्हे के आगे-आगे जाती हुई ओहारदार पालकी को देख लेते तो बड़े ही जोर से चिल्लाते। एक बार ऐसा करने पर एक बूढ़े वर ने उन सबको बड़ी दूर तक खदेड़कर पत्थरों से खूब मारा। उसे याद कर लेखक कहता है कि न जाने किस ससुर ने वैसा जमाई ढूँढ़ निकाला था। उस खूसट-खब्बीस की सूरत लेखक नहीं भुला पाया। लेखक ने वैसा घोड़मुँहा आदमी कभी नहीं देखा।


mata ka anchal class 10 extra question 2. मूसन तिवारी द्वारा बाल मंडली की शिकायत के बाद पाठशाला में भोलानाथ के साथ कैसा व्यवहार हुआ और उन्हें उनके पिताजी के द्वारा किस प्रकार घर लाया गया? इस घटना से बच्चों की किस मनोवृति का पता चलता है? 

माता का अँचल उत्तर- मूसन तिवारी द्वारा बाल मंडली की शिकायत के बाद पाठशाला से चार लड़के भोलानाथ और बैजू को पकड़ने के लिए उनके घर गए। जैसे ही भोलानाथ घर पहुंचा तो लड़के उसे पकड़कर पाठशाला ले आए। मूसन तिवारी के द्वारा स्कूल में शिकायत करने पर गुरूजी ने भोलानाथ की खूब खबर ली। भोलानाथ के पिताजी ये खबर सुनकर पाठशाला चले गए और बच्चे को दुलारने लगे। भोलानाथ ने रो-रोकर बुरा हाल किया हुआ था फिर उनके पिताजी ने गुरूजी से विनती की और भोलानाथ को घर लेकर चले गए। इस घटना से स्पष्ट होता है कि बच्चों में चिढ़ाने की प्रवृत्ति अधिक होती है। बच्चे शरारतें करते समय उसके परिणाम के बारे में नहीं सोचते जो उनके मन में आता है, वही करते हैं। 

mata ka anchal class 10 extra question 3. माँ को बाबूजी के खिलाने का ढंग पसंद क्यों नहीं था?

माता का अँचल उत्तर- माँ को बाबूजी के खिलाने का ढंग पसंद इसलिए नहीं था क्योंकि भोलानाथ के पिताजी उसे अपने हाथों से ही दाल-भात खिलाते थे। परंतु माँ को कहाँ संतुष्टि मिलती थी। माँ अक्सर पिता से कहती कि तुम थोड़ा-थोड़ा खिलाते हो, इससे उसका मन भर जाता है, परंतु पेट नहीं भरता। भोलानाथ की माँ तरह-तरह के चिड़ियों के नाम ले लेकर भोलानाथ को खाना खिलाती थी। माँ का मन करता था कि किसी तरह बच्चा अधिक खाना खा ले। माँ तरह-तरह की बातें बनाकर दाल-भात भोलानाथ को खिलाती थी।

mata ka anchal class 10 extra question 4. माता का अंचल पाठ में बच्चे बारात का जुलूस कैसे निकालते थे?

माता का अँचल उत्तर- कभी-कभी वो नकली बारात का जलूस भी निकालते थे। कनस्तर का तम्बूरा, टूटी-फुट्टी चूहेदानी को पालकी बनाते थे। सभी बच्चे समधी बनकर बकरे पर बैठ जाते और चबूतरे के एक कोने से चलकर दूसरे कोने तक आते थे।

वहाँ काठ की पटरियों से घिरे, गोबर से लिपे, आम और केले की टहनियों से सजाए हुए छोटे आँगन में कुल्हड़ का कलसा रखा रहता था। वहीं पहुँचकर बारात फिर लौट आती थी। लौटते समय खटोली पर लाल पर्दा डाल दिया जाता और दुल्हन को उस पर चढ़ा लिया जाता था। बाबूजी दुल्हन का मुँह देखते तो सब बच्चे हँस पड़ते थे।

mata ka anchal class 10 extra question 5. शिवपूजन सहाय जी(लेखक) को अपने गुरूजी से खरी खोटी क्यों सुननी पड़ी?

माता का अँचल उत्तर- अपने बचपन में लेखक को अपने गुरुजी से खरी खोटी इसलिए सुननी पड़ी क्योंकि लेखक ने अपने मित्रों के साथ मिलकर मूसन तिवारी को खूब चिढ़ाया। मूसन तिवारी ने लेखक के स्कूल जाकर गुरुजी से शिकायत की। और फिर लेखक की गुरुजी ने खूब खबर ली।

mata ka anchal class 10 extra question 6. सांप को देखते ही बच्चों ने क्या किया?

माता का अँचल उत्तर- भोलानाथ और उसके मित्र एक टिले पर जाकर चूहों के बिल में पानी डालने लगे, तभी उस बिल में से सांप निकल आया, सभी रोते-चिल्लाते भागने लगे। कहीं न कहीं सभी को चोट लगी। किसी का सिर, फूटा किसी के दांत फूटे, भोलानाथ की सारी देह लहुलुहान हो गई। पैरों के तलवे काँटों से छलनी हो गए। जैसे ही भोलानाथ घर में गया, तो उस समय उसके पिता हुक्का पी रहे थे। उनके बुलाने पर भी भोलानाथ उनके पास नहीं गया। सीधे माँ की गोद में जाकर उनके आँचल में छिप गया।

mata ka anchal class 10 extra question 7. बच्चों के द्वारा बनाए गए घरौंदे का उल्लेख कीजिए माता का अँचल पाठ के आधार पर बताइए।

माता का अँचल उत्तर- बच्चे कभी-कभी चबूतरे पर घरौंदा बनाते थे। जैसे -धूल की मेड़ की दीवार बनती और तिनकों का छप्पर, दातुंन के खम्भे, दियासलाई की पेटियों के किवाड़, घड़े के मुँहड़े की चूल्हा-चक्की, दीए की कड़ाई, बाबूजी की पूजा वाली आचमनी कलछी बनती थी। पानी के घी, धूल के पिसान और बालू की चीनी से भोज तैयार किया जाता था।

mata ka anchal class 10 extra question 8. बच्चे  सरल, निर्दोष और मस्त होते हैं-माता का अँचल पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।

माता का अँचल उत्तर- बच्चों के मन में जो भाव उठते हैं वे उन्हें बड़ी ही सहजता एवं सरलतापूर्वक कह देते हैं। वे मन से भी निर्दोष और निर्मल होते हैं। उन्हें किसी प्रकार की चिंता व भय नहीं सताता। वे बूढ़े दूल्हे को पसंद नहीं करते इसलिए उसे खूसट कह देते हैं इसलिए बूढ़ा दूल्हा उनके पीछे पड़ जाता है। बिना सोचे समझे मूसन तिवारी को चिढाना, चूहे के बिल में पानी डालना आदि उनकी मासूमियत और नादानी का ही उदाहरण है। वे नहीं जानते थे कि वे जो शरारत कर रहे हैं उसका क्या बुरा परिणाम हो सकता है | बच्चे खेल में इतने मस्त हो जाते हैं कि उन्हें घर-बार यहाँ तक की माँ-पिताजी की भी याद नहीं आती।

mata ka anchal class 10 extra question 9. ‘माता का आँचल’ पाठ के आधार पर भोलानाथ के बाबू जी के पूजा-पाठ की रीति पर टिप्पणी कीजिये। आप इससे क्या प्रेरणा ग्रहण करते हैं।

माता का अँचल उत्तर- भोलनाथ के बाबूजी सुबह जल्दी उठकर पूजा-पाठ करते थे। और पूजा खत्म करने के बाद अपनी ‘रामनामा बही’ पर हजार राम-नाम लिखते थे। पांच सौ बार कागज़ के छोटे-छोटे टुकड़ों पर राम नाम लिखकर आटे की गोलियों में लपेटते और उन गोलियों को लेकर गंगा जी की ओर चल पड़ते थे। गंगा जी के तट पर पहुंचकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाते थे। इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें जीवों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और उनकी सहायता भी करनी चाहिए।

mata ka anchal class 10 extra question 10  ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर लेखक के पिता की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।

माता का अँचल उत्तर- लेखक के पिता की चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित है–

(क) धर्म पर विश्वास रखने वाली व्यक्ति – लेखक के पिताजी सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर रामायण का पाठ करते थे और लेखक को भी अपने साथ बैठा लेते थे

(ख) हँसमुख स्वाभाव- लेखक के पिताजी बच्चों के खेल में भी हिस्सा लेते थे

(ग) जीवों के प्रति संवेदना- लेखक के पिताजी गंगा घाट जाकर आटे की गोलियाँ मछलियों को खिलाते थे

(घ) लेखक के प्रति अनंत प्रेम- लेखक आपना ज्यादा से ज्यादा समय अपनी बाबूजी के साथ ही बिताते थे 

mata ka anchal class 10 extra question 11 सांप देख लेने के पश्चात् मां के अँचल में छिपे हुए लेखक की दशा कैसी थी?

माता का अँचल उत्तर- सीधे माँ की गोद में जाकर उनके आँचल में छिप गया। माँ भोलानाथ से पूछने लगी आखिर उसे क्या हो गया है? माँ ने जल्दी से हल्दी पीसकर बच्चे के घावों पर लगाई। घर में कोहराम मच गया। भोलानाथ सा-सा… करते हुए कांप रहा था। वह आंखे खोलना चाहता था पर डर से खोल नहीं रहा था। माँ उसको निहार रही थी। इसी समय उसके पिता दौड़े आए और आकर झट मईया की गोद से अपने गोद में लेने लगे। परंतु भोलानाथ ने अपनी माँ का आँचल नहीं छोड़ा और माँ से चिपका रहा।

mata ka anchal class 10 extra question 12 पठित पाठ के आधार पर भोलानाथ की किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 

माता का अँचल उत्तर- भोलानाथ की चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं– 

(क) नटखट बालक- भोलानाथ अपने साथियों के साथ मिलकर खूब शरारतें करता था। कई बार उसे उसकी शरारतें उन्हें महंगी भी पड़ी है।

(ख) माता- पिता से स्नेह- भोलानाथ का अपने माता-पिता से स्नेह था लेकिन अपने पिताजी से उनका अधिक जुड़ाव था। वह अपना ज्यादा समय बाबूजी के साथ बिताते थे।

(ग) मित्रों से अधिक लगाव- भोलानाथ का अपने मित्रों से विशेष स्नेह था। वह अपने मित्रों को देखकर रोना भूल जाता था और उनके साथ खेलने में मस्त हो जाता था। 

mata ka anchal class 10 extra question 13 भोलानाथ पूजा-पाठ में पिताजी के पास बैठा क्या करता रहता था?

माता का अँचल उत्तर- बाबूजी जी के रामायण पाठ करते तब  भोलानाथ उनके पास बैठे-बैठे आईने में अपना मुँह निहारते रहते थे। जब भोलानाथ के बाबूजी उनकी तरफ देखते थे तो वह शर्माकर आईना नीचे रख देता था। और बाबूजी उसे देखकर मुस्कुराने लगते थे।

mata ka anchal class 10 extra question 14  ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर लिखिये कि माँ बच्चे को ‘कन्हैया’ का रूप देने के लिये किन-किन चीजों से सजाती थीं ? इससे उनकी किस भावना का बोध होता है? आपकी राय से बच्चों का क्या कर्तव्य होना चाहिए ?

माता का अँचल उत्तर- भोलानाथ के रोते रहने के बाद भी माँ उसके बालों में तेल डालकर कंघी करती, नाभि और माथे पर काजल का टीका लगाती, कुर्ता-टोपी पहनाती, चोटी बनाती और फूलदार लट्टू लगाकर उसको बिल्कुल कन्हैया जैसा सजा देती थी।

इससे भोलानाथ के प्रति माँ की प्रेम भावना का पता चलता है। बच्चों का अपने माता-पिता के प्रति यह कर्तव्य बनता है कि उनका आदर-सम्मान करें और ऐसा कोई भी काम न करे जिससे उनके दिल को ठेस पहुँचे। 

mata ka anchal class 10 extra question 15  माता का आँचल में बालक का वास्तविक नाम क्या था?

माता का अँचल उत्तर- लेखक के बचपन का नाम ‘तारकेश्वरनाथ’ था, लेकिन उनके पिता जी उन्हें भोलानाथ कहकर पुकारते थे। उनका नाम भोलनाथ इसलिए पड़ा क्योंकि पिता जी सुबह उठकर भोलानाथ को उठाते और नहला-धुलाकर अपने साथ पूजा में बैठा लेते। उसके माथे पर शंकरजी जैसा तिलक लगाते थे। वे भभूत भी लगाते थे, जिससे भोलानाथ को ख़ुशी महसूस होती थी। उनके सिर में लम्बी-लम्बी जटाएं थी। भभूत लगाने से वे बमभोला बन जाते थे।

mata ka anchal class 10 extra question 16 मरदुए क्या जाने कि बच्चों को कैसे खिलाना चाहिए। यह कथन किसने और कब कहा?

माता का अँचल उत्तर- मरदुए क्या जाने कि बच्चों को कैसे खिलाना चाहिए- यह कथन लेखक की माताजी ने लेखक के पिता से उस प्रसंग में कहा है जब वे अपने पुत्र भोलानाथ को ठीक से खाना नहीं खिला पाते।

कक्षा 10 की पुस्तक कृतिका में दिए गए पहले अध्याय ‘माता का अँचल कक्षा 10 कृतिका पाठ 1 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर’ Hindi Kritika Class 10 Chapter 1 Mata Ka Anchal Extra Question Answer जुड़े सवालों के जवाब पाने के लिए कमेंट बॉक्स में अपना मैसेज लिखें।

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