इस चैप्टर में हम कक्षा 10 की पुस्तक कृतिका में दिए गए चौथे अध्याय ‘एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर’ ( Class 10 Hindi Kritika Chapter 4 yehi thaiya jhulni herani ho rama Extra Question Answer) पढ़ेंगे और समझेंगे।
yehi thaiya jhulni herani ho rama extra questions
yehi thaiya jhulni herani ho rama question 1. दुलारी ने विदेशी साड़ियों को क्यों त्याग दिया? इस प्रसंग के आलोक में आज की पीढ़ी को आप किन जीवन-मूल्यों की सलाह देना चाहेंगे?
एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा उत्तर 1 – दुलारी टुन्नू के प्रेम से प्रभावित हो गई थी। उसने होली पर गांधी आश्रम से उसके लिए धोती लाने वाले टुन्नू को फटकार तो लगाई थी, किंतु उसके जाने के बाद उसे टुन्नू के खादी के कुर्ते व गांधी टोपी का स्मरण हुआ, तो उसे समझते देर न लगी कि टुन्नू स्वतंत्रता-आंदोलन में सम्मिलित हो गया है। यहीं से उसके मन के किसी कोने में टुन्नू के प्रति प्रेम ने उसके अंदर भी देशभक्ति की चिंगारी सुलगा दी और इसी कारण उसने विदेशी मिलों में तैयार फेंकू सरदार द्वारा लाई गई साड़ियाँ स्वराज आंदोलनकारियों द्वारा फैलाई चादर पर फेंक दीं।
वास्तव में, प्रेम व देशभक्ति के लिए किया गया उसका यह छोटा-सा त्याग उसके चरित्र की महानता का द्योतक है। आज समाज में प्रेम की पवित्रता प्रभावित हो रही है, देशभक्ति एवं त्याग जैसे जीवन-मूल्यों से आज की पीढ़ी दूर होती जा रही है, वह केवल वही कार्य को अधिक उपयोगी समझती है, जो उसके लिए हितकारी हो, ऐसे में दुलारी के इस त्याग से आज की पीढ़ी को पवित्र प्रेम, देशभक्ति, त्याग आदि मूल्यों की सलाह देना चाहेंगे, ताकि इन्हें अपनाकर वह केवल जीवन को अपने तक न सिमेटे, यह जाने कि जीवन का सच्चा सुख इन्हीं उदात्त गुणों में निहित है।
yehi thaiya jhulni herani ho rama question 2. दुलारी ने टुन्नू द्वारा लाई धोती को अस्वीकृत करने के बाद भी उसे क्यों चूम लिया? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा उत्तर 2 – जब टुन्नू दुलारी के लिए खादी की धोती लाया, तो पहले तो दुलारी ने उसे अस्वीकार कर दिया। पर जब टुन्नू ने कहा कि मैं तुमसे कुछ माँगता तो हूँ नहीं, पत्थर की देवी तक अपने भक्तों की भेंट नहीं ठुकराती तो तुम तो हाड़-मांस की बनी हो, तब उसे ज्ञात हुआ कि टुन्नू का प्रेम शारीरिक न होकर आत्मिक था। अंततः उसका प्रेम देशभक्ति में परिवर्तित हो गया। जब टुन्नु खादी का कुर्ता पहनकर और गांधी टोपी लगाकर, गांधी जी द्वारा विदेशी वस्त्रों की होली जलाने वाले जुलूस में शामिल हुआ, तो उसने अपना संदूक खोलकर टुन्नू द्वारा दी गई धोती निकाली और उसे उठाकर चूम लिया। वह टुन्नू के आत्मिक प्रेम की सच्चाई को समझ चुकी थी।
yehi thaiya jhulni herani ho rama question 3. एही ठैया झुलनी हेरानी होरामा!’ पाठ में दुलारी ने टुन्नू का उपहार लेने से क्यों इंकार कर दिया?
एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा उत्तर 3 – टुन्नू सोलह-सत्रह वर्षीय युवा गायक था। भादों की तीज पर खोजवाँ और बजरडीहा वालों के बीच कजली दंगल में उसकी भेंट दुलारी से हुई थी। उस समय दुलारी को गानेवालियों में विशिष्ट ख्याति प्राप्त थी। परंतु वहाँ टुन्नू के गायन को सुनकर, उस पर मुग्ध हो गई। टुन्नू के मन में दुलारी के प्रति सात्विक प्रेम पैदा हो गया था। वह होली के त्योहार पर उसके लिए गांधी आश्रम की खादी की धोती उपहारस्वरूप लेकर उसके घर गया था। परंतु हुन्नू को अपने यहाँ देखकर न केवल उसने टुन्नू को अपशब्द कहे, अपितु उसकी धोती फेंक दी। दुलारी टुन्नू के प्रेम से परिचित थी। परंतु वह नहीं चाहती थी कि टुन्नू इस संबंध को बढ़ाए। टुन्नू एक ब्राह्मण का बेटा था। उसका स्वभाव, संस्कार उससे भिन्न थे। वह आयु में उससे बहुत छोटा था। वह इस प्रेम को बढ़ावा नहीं देना चाहती थी, जबकि वह जानती थी कि टुन्नू का प्रेम शारीरिक नहीं, आत्मिक है। वह एक गानेवाली थी और अपने साथ टुन्नू का नाम जोड़कर उसके सम्मान को ठेस नहीं पहुँचाना चाहती थी, इसलिए उसने टुन्नू के उपहार को अस्वीकार किया था।
yehi thaiya jhulni herani ho rama question 4. एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा! पाठ के संदेश को स्पष्ट कीजिए।
एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा उत्तर 4 – एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा! पाठ हमें यह सन्देश देता है कि देश की आज़ादी के लिए समाज कर प्रत्येक वर्ग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है जैसा कि इस कहानी में दुलारी और टुन्नू के मध्याम से लेखक ने ऐसे लोगों के योगदान को उभारा है। टुन्नू और दुलारी दोनों ही कजली गायक हैं। आज़ादी के लिए निकाले गए जुलूसों में टुन्नू भाग लेता व अपने प्राण त्याग देता है। पाठकों को बहुत प्रभावित करता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी पेशे से क्यों न हो लेकिन अपने देश के लिए सच्ची भावना होना आवश्यक है।
yehi thaiya jhulni herani ho rama question 5. कैसे कहा जा सकता है कि दुलारी टुन्नू को हृदय से चाहती थी?
एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा उत्तर 5 – दुलारी टुन्नू को ह्रदय से चाहती थी क्योंकि वह भी दुलारी की तरह एक अच्छा गायक था और वह दुलारी की गायकी को भी बहुत पंसद करता था। वह दुलारी से प्रेम करता था लेकिन उसको कहता नहीं है, बस चुपचाप उससे देखता रहता था। जब एक बार होली के अवसर पर टुन्नू दुलारी के लिए खादी की साड़ी लेकर उसके घर जाता है, तो दुलारी उसे दुत्कारती है और अपनी बड़ी उम्र का हवाला भी देती है। तब वह कहता है कि मेरा प्यार किसी भी उम्र व शरीर की सीमा में नहीं बंधा है, फिर दुलारी टुन्नू के आत्मीय प्रेम को समझ जाती है। टुन्नू की मौत के बाद वह उसके द्वारा दी गई खादी साड़ी को पहनती है। इस प्रकार टुन्नू के प्रति प्रेम का दुलारी परिचय देती है।
yehi thaiya jhulni herani ho rama question 6. टुन्नू ने दुलारी को खादी की ही धोती क्यों दी? पठित पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए।
एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा उत्तर 6 – टुन्नू ने दुलारी को खादी की ही धोती इसलिए दी थी क्योंकि उसके मन में अपने देश के प्रति भक्ति भावना थी। वह स्वतंत्रता आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लेता था और गांधीजी द्वारा चलाए गए ‘विदेशी वस्त्रों’ की होली जलाने वालों में भी शामिल हुआ था। वह नहीं चाहता था कि दुलारी फेंकू द्वारा दी गई विदेशी मीलों की साड़ी पहने। वह दुलारी से प्रेम करता था इसलिए वह दुलारी के प्रति अपने प्रेम को देशप्रेम से जोड़ना चाहता था। वह दुलारी को गाँधी आश्रम की बनी हुई धोती देकर अपनी स्वदेश प्रेमी भावना को भी व्यक्त करता है। वह पूरी तरह अपने देश के लिए समर्पित रहता है और अंत में आंदोलन में भाग लेकर अपने प्राणों का बलिदान भी दे देता है।
yehi thaiya jhulni herani ho rama question 7. विदेशी वस्त्रों को जलाए जाने वाले ढेर में दुलारी द्वारा नई साड़ियों का फेंका जाना उसकी किस मानसिकता का परिचायक है? स्पष्ट कीजिए।
एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा उत्तर 7- विदेशी वस्त्रों को जलाए जाने वाले ढेर में दुलारी द्वारा नई साड़ियों का फेंका जाना उसकी अपने देश के प्रति सच्ची भावना का पता चलता है। उसने फेंकू सरदार द्वारा दी गई मैनचेस्टर व लंका शायर मीलों की बनी साड़ीयों के बंडल को विदेशी वस्त्रों की होली में आन्दोलनकारियों को जलाने के लिए दे दिया था। वह पूरी दिल से देशभक्ति से जुड़ना चाहती थी।
yehi thaiya jhulni herani ho rama question 8. अपने प्रति टुन्नू के लगाव के विषय में दुलारी की सोच क्या थी? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा उत्तर 8 – अपने प्रति टुन्नू के लगाव के विषय में दुलारी की सोच थी कि टुन्नू सोलह-सत्रह वर्ष का लड़का है। दुलारी टुन्नू से कहती है कि अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे और तुम पर आशकी का भूत सवार हो गया है। पहले तो दुलारी उसे डांटती रहती थी परंतु जब पता चला कि टुन्नू का उसके प्रति प्रेम आत्मिक है तो वह उसे पंसद करते लगती है। अंत में टून्नू का अपने देश के प्रति त्याग दुलारी के दिल में टुन्नू की खास जगह बन जाती है।
कक्षा 10 की पुस्तक कृतिका में दिए गए चौथे अध्याय ‘एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा कक्षा 10 कृतिका पाठ 4 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर’ Hindi Kritika Class 10 Chapter 4 yehi thaiya jhulni herani ho rama Extra Question Answer जुड़े सवालों के जवाब पाने के लिए कमेंट बॉक्स में अपना मैसेज लिखें।
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