Ncert solutions for class 9 hindi kshitij
- Chapter 09 Kabir ki sakhi
- Chapter 10 Vakh
- Chapter 11 Raskhan Ke Savaiye
- Chapter 12 kaidi aur kokila
- Chapter 13 Gram Shree
- Chapter 14 Chandr Gahna Se Lauti Ber
- Chapter 15 Megh Aye
- Chapter 16 Yamraaj Ki Disha
- Chapter 17 Bachhe Kaam Par Ja Rahe Hai
कक्षा 9 भाग 1 क्षितिज पाठ्यक्रम
09. कबीर: प्रस्तुत साखियों में संत कवि कबीरदास जी ने प्रेम का महत्व, संत के लक्षण, ज्ञान की महिमा और दिखावों के बारे में बताया है। हमने यहाँ छोटे-छोटे वाक्यों और सरल शब्दों के उपयोग से आपको समझाने का प्रयास किया है। आगे पढ़ें …
10. ललघद: प्रस्तुत काव्य में ललघद के 4 वाखों का हिंदी अनुवाद किया गया है। इन वाखों के माध्यम से ललघद हमें ईश्वर प्राप्ति के लिए सही मार्ग और खुद के अंतःकरण में झाकने की प्रेरणा दे रहे हैं। और भी अच्छे से समझने के लिए आगे पढ़ें …
11. रसखान: प्रस्तुत काव्य में रसखान जी के दो सवैयों और दो छंदों का वर्णन किया गया है। यहाँ कवि की कृष्ण भक्ति देखते ही बनती है। अत्यंत ही सरल भाषा में इसे समझने के लिए आगे पढ़ें ….
12. माखनलाल चतुर्वेदी: प्रस्तुत काव्य में कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी अपनी लोकप्रिय कविता “कैदी और कोकिला” के माध्यम से ब्रिटिश शासन के प्रति अपना आक्रोश जताया है। इसे अच्छी तरह समझने और परीक्षा में अच्छे नंबर्स लाने के लिए आगे पढ़ें …
13. सुमित्रानंदन पन्त: प्रस्तुत कविता “ग्राम श्री” में सुमित्रानंदन पन्त जी ने प्रकृति का बड़ा ही मनोहारी वर्णन किया है। खेत में फैली हरियाली, फल-फूल, नदी आदि का वर्णन देखते ही बनता है। लाइन बाई लाइन एक्सप्लनेशन के लिए आगे पढ़ें …
14. केदारनाथ अग्रवाल: प्रस्तुत कविता “चंद्र गहना से लौटती बेर” में कवि केदारनाथ जी ने प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन किया है। उनके इस काव्य में खेत-खलिहान, पेड़-पौधे आदि सजीव हो उठते हैं। आगे पढ़ें …
15. सर्वेश्वरदयाल सक्सेना: “मेघ आए” कविता में कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना जी ने बादलों की तुलना “दामाद” से की है। जिस तरह घर में दामाद के आने पर चरों तरफ उत्साह भर जाता है, ठीक उसी प्रकार बरसने वाले बादलों को देखकर प्रकृति ख़ुशी से झूम उठे। आगे पढ़ें …
16. चंद्रकांत देवताले: प्रस्तुत कविता “यमराज की दिशा” में कवि ने चंद्रकांत देवताले ने सभ्यता के विकास की खतरनाक दिशा की ओर संकेत किया है। आगे पढ़ें …
17. राजेश जोशी: “बच्चे काम पर जा रहे हैं” कविता में कवि राजेश जोशी जी ने वर्तमान समाज में व्याप्त बालश्रम का वर्णन किया है। उन्हें ये नहीं समझ आ रहा, आखिर ये कैसी विडंबना है कि बच्चे खेल, शिक्षा और जीवन की उमंग से वंचित है। आगे पढ़ें …
Ncert solutions for class 9 hindi kshitij
- Chapter 09 : कबीर की साखी
- Chapter 10 : वाख
- Chapter 11 : रसखान के सवैये
- Chapter 12 : कैदी और कोकिला
- Chapter 13 : ग्राम श्री
- Chapter 14 : चंद्र गहना से लौटती बेर
- Chapter 15 : मेघ आए कविता
- Chapter 16 : यमराज की दिशा
- Chapter 17 : बच्चे काम पर जा रहे हैं