सपनों के से दिन | Sapno Ke Se Din Question Answers Class 10

इस ब्लॉग में हम कक्षा 10 के हिंदी संचयन भाग 2 के पाठ 2 सपनों के से दिन के प्रश्न उत्तर (Sapno Ke Se Din Question Answers Class 10) पढ़ेंगे और सीखेंगे।

कक्षा 10 संचयन पाठ 2 सपनों के से दिन के प्रश्न उत्तर | Sanchayan Class 10 chapter 2 Sapno Ke Se Din Question Answers

सपनों के से दिन प्रश्न-बोध – Sapno Ke Se Din Question Answers

सपनों के से दिन प्रश्न 1:-
कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती- पाठ के किस अंश से यह सिद्ध होता है?

Sapno ke se din solutions:
बचपन में लेखक के आधे से अधिक साथी राजस्थान या हरियाणा से आकर मंडी में व्यापार या दुकानदारी करने आए परिवारों से थे। जब बहुत छोटे थे, तो उनकी बोली कम समझ आती थी और उनके शब्द सुनकर हँसी आती थी। परंतु जब एक-दूसरे के साथ खेलते, तो बात खूब अच्छी तरह समझ लेते थे। कहानी का यह अंश इस बात को सिद्ध करता है कि कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती।


सपनों के से दिन प्रश्न 2:-
पीटी साहब की ‘शाबाश’ फ़ौज के तमगों-सी क्यों लगती थी? स्पष्ट कीजिए।

Sapno ke se din solutions:
पीटी साहब की ‘शाबाश’ फ़ौज के तमगों-सी इसलिए लगती थी क्योंकि जब स्कूल में बच्चों को पीटी साहब स्काउटिंग का अभ्यास करवाते समय नीली-पीली झंडियाँ हाथों में पकड़ाकर वन-टू-थ्री कहते, झंडियाँ ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ करवाते, तो बच्चे हवा में लहराती और फड़फड़ाती झंडियों के साथ ख़ाकी वर्दियों तथा गले में दोरंगे रूमाल लटकाए अभ्यास किया करते थे। अगर बच्चे कोई गलती न करते, तो वह अपनी चमकीली आँखें हल्के से झपकाते और कहते- ‘शाबाश’। उनकी एक शाबाश ही बच्चों को ऐसे लगने लगती जैसे उन्होंने किसी फ़ौज के सभी तमगे जीत लिए हों।

सपनों के से दिन प्रश्न 3:-
नयी श्रेणी में जाने और नयी कापियों और पुरानी किताबों से आती विशेष गंध से लेखक का बालमन क्यों उदास हो उठता था?

Sapno ke se din solutions:
नयी श्रेणी में जाने और नयी कापियों और पुरानी किताबों से आती विशेष गंध से लेखक का बालमन उदास हो उठता था क्योंकि लेखक जब अगली श्रेणी में प्रवेश करते, तो उन्हें पुरानी पुस्तकें मिलती थी। उनके स्कूल के हेड मास्टर शर्मा जी एक लड़के को उसके घर जा कर पढ़ाया करते थे, हर वर्ष जब पढ़ाई का नया साल आरंभ होता था तो शर्मा जी उस लड़के की एक साल पुरानी पुस्तकें लेखक को देते थे। उन्हें नयी कापियों और पुरानी पुस्तकों में से ऐसी गंध आने लगती थी कि उनका मन बहुत उदास हो जाता था।

सपनों के से दिन प्रश्न 4:-
स्काउट परेड करते समय लेखक अपने को महत्वपूर्ण ‘आदमी’ फ़ौजी जवान क्यों समझने लगता था?

Sapno ke se din solutions:
स्काउट परेड करते समय लेखक अपने को महत्वपूर्ण ‘आदमी’ फ़ौजी जवान इसलिए  समझने लगते थे क्योंकि उन्हें कभी-कभी महसूस होता था कि हम भी फ़ौजी जवानों से कम नहीं।जब लेखक धोबी की धूली वर्दी और पालिश किए बूट और जुराबों को पहनकर स्काउटिंग परेड करते, तो लगता जैसे वे विद्यार्थी नहीं, बहुत महत्वपूर्ण ‘आदमी’ हो फ़ौजी जवान।

सपनों के से दिन प्रश्न 5:-
हेडमास्टर शर्मा जी ने पीटी साहब को क्यों मुअत्तल कर दिया?

Sapno ke se din solutions:
हेडमास्टर शर्मा जी ने पीटी साहब को इसलिए मुअत्तल कर दिया था क्योंकि हेडमास्टर शर्मा ने पीटी साहब को चौथी श्रेणी के बच्चों को सख्त सजा देते देखा।प्रीतमचंद ने बच्चों को फ़ारसी के शब्द-रूप याद करने को कहा था, जब उन्होंने शब्द-रूप ठीक से नहीं सुनाया तो पीटी साहब को गुस्सा आ गया और बच्चों को कहा गया कि झुककर टांगों के पीछे से बाँहें निकालकर कान पकड़े ओर साथ ही गुस्से से चिल्लाकर पीठ ऊँची करने के लिए कहने लगे।

सपनों के से दिन प्रश्न 6:-
लेखक के अनुसार उन्हें स्कूल ख़ुशी से भागे जाने की जगह न लगने पर भी कब और क्यों उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगने लगा?

Sapno ke se din solutions:
लेखक को स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था, परंतु जब मास्टर प्रीतमचंद स्काउटिंग परेड करवाते,तब लेखक स्कूल में रंग-बिरंगे झंडे लेकर, गले में रूमाल बाँधकर परेड करते थे ऐसे करते हुए लेखक को बहुत अच्छा लगता था। स्काउटिंग परेड में सभी बच्चे ठक-ठक करते राईट-टर्न, लेफ्ट-टर्न करते और मास्टर जी उन्हें ‘शाबाश’ कहते, तो लेखक को यहपूरे साल में मिली ‘गुड्डों’ से भी अधिक मूल्यवान लगने लगी। इसी कारण लेखक को स्कूल जाना अच्छा लगने लगा।

सपनों के से दिन प्रश्न 7:-
लेखक अपने छात्र जीवन में स्कूल से छुट्टियों में मिले काम को पूरा करने के लिए क्या-क्या योजनाएँ बनाया करता था और उसे पूरा न कर पाने की स्थिति में किसकी भांति ‘बहादुर’ बनने की कल्पना किया करता था?

Sapno ke se din solutions:
लेखक के जब स्कूल की छुट्टियां होती तो, वे स्कूल से मिलने वाले काम की योजना बनाते हैं कि काम कब और एक दिन में कैसे पूरा करना है। लेकिन लेखक अपनी छुट्टियां खेलने-कूदने में ही बीता देते और काम न हो पाता।धीरे- धीरे समय बीतता गया, लेखक को स्कूल की पिटाई का डर बढ़ने लगा। लेखक के स्कूल के कितने ही सहपाठी ऐसे थे, जैसे लेखक ओमा की भांति ‘बहादुर’ बनने की कल्पना करते थे, जो छुट्टियों का काम करने की जगह मास्टर की पिटाई को सस्ता सौदा समझता था।

सपनों के से दिन प्रश्न 8:-
पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

Sapno ke se din solutions:
पीटी सर की चारित्रिक विशेषताएं निम्नलिखित है-

  1. पीटी सर शरीर से दुबले-पतले, ठिगने कद वाले, बाज जैसी आँखे और उनका चेहरा माता के दागों से भरा हुआ था। वे खाकी वर्दी और चमड़े के चौड़े पंजों वाले बूट पहनते थे।
  2. पीटी सर स्वभाव से सख्त थे और स्कूल के सभी बच्चे उनसे डरते थे।एक दिन जब बच्चों ने फ़ारसी शब्द-रूप ठीक नहीं सुनाया तो उनको मुर्गा बना दिया।
  3. पीटी सर स्वाभिमानी भी थे, जब हेड मास्टर ने उन्हें नौकरी से निकाला तो, वे उनके सामने गिड़गिड़ाए नहीं बल्कि चुप-चाप वहाँ से चले गए।
  4. वे छोटे-छोटे बच्चों के साथ तो कठोरता के साथ पेश आते थे, परंतु पक्षियों से बहुत प्यार करते थे,तभी तो अपने पाले हुए तोतों को बादाम खिलाते थे और उनसे प्यार से बातें भी करते थे।

सपनों के से दिन प्रश्न 9:-
विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में अपनाई गई युक्तियों और वर्तमान में स्वीकृत मान्यताओं के संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए।

Sapno ke se din solutions:
पाठ में विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए कठोर दंड के रूप में मार-पीट जैसी युक्तियाँ अपनाई गई हैं, परंतु वर्तमान में इसे गलत माना गया है। आजकल अध्यापकों को ट्रेनिंग दी जाती है कि बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करें, अगर वह कोई गलत काम करे तो उसके कारणों को जानने की कोशिश करे, न कि उनकी मार-पिटाई करें। इससे बच्चे स्कूल जाने से डरेंगे नहीं बल्कि खुशी-खुशी स्कूल जाएँगे।

सपनों के से दिन प्रश्न 10:-
बचपन की यादें मन को गुदगुदाने वाली होती हैं विशेषकर स्कूली दिनों की। अपने अब तक के स्कूली जीवन की खट्टी-मीठी यादों को लिखिए।

Sapno ke se din solutions:
मेरी बचपन की यादों में सबसे अच्छी याद मेरे स्कूल के जीवन की है। जब मैं पाँचवी कक्षा में थी, तब मैं अपना लंच बॉक्स ले जाना भूल गई थी। मेरी क्लास में एक लड़की थी। उसने जब देखा मेरे पास लंच बॉक्स नहीं है, तो उसने मुझे अपने लंच बॉक्स से खाना दिया।इस तरह हम दोनों के बीच मित्रता हो गई और आज भी हम दोनों बेहद अच्छे दोस्त हैं।

सपनों के से दिन प्रश्न 11:-
प्राय: अभिभावक बच्चों को खेल-कूद में ज्यादा रुचि लेने पर रोकते हैं और समय बर्बाद न करने की नसीहत देते हैं। बताए-

(क) खेल आपके लिए क्यों जरूरी हैं?

(ख) आप कौन से ऐसे नियम-कायदों को अपनाएँगे जिससे अभिभावकों को खेल पर आपत्ति न हो?

Sapno ke se din solutions:
(क) हमारे लिए खेल मनोरंजन के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। इससे शारीरिक-मानसिक रूप से विकास भी होता है।खेल हमारे दिन-भर की मानसिक थकान को दूर करने लिए भी जरूरी है।

(ख) हमारे स्वास्थ्य के लिए खेलना जितना जरूरी है। उसी तरह से अन्य कार्य भी जरूरी हैं। जैसे पढ़ना-लिखना भी भविष्य को सुधारने के लिए आवश्यक है। अगर हम अपने सभी कार्य समय पर करेंगे, तो अभिभावकों को खेल से कोई आपत्ति नहीं होगी।

आप कमेंट करके सपनों के से दिन के प्रश्न उत्तर (Sapno Ke Se Din Question Answers Class 10) से जुड़े सवाल पूछ सकते हैं। हम आपके सवालों के जवाब देने की हर संभव कोशिश करेंगे।

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