Ncert Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 10 Ek Phul Ki Chah

एक फूल की चाह Hindi Class 9 Sparsh Solutions

एक फूल की चाह प्रश्न-अभ्यास

1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

एक फूल की चाह प्रश्न (क). कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है –

(i). सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृदय कांप उठता था।

उत्तर:- इन पंक्तियों में निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है।


नहीं खेलना रुकता उसका

नहीं ठहरती वह पल-भर।

मेरा ह्रदय काँप उठता था,

बाहर गई निहार उसे;

(ii). पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा।

उत्तर:-  इन पंक्तियों में निम्नलिखित अर्थ का बोध होता।

ऊँचे शैल शिखर के ऊपर

मंदिर था विस्तीर्ण विशाल;

स्वर्ण-कलश सरसिज विहसित थे

पाकर समुदित रवि-कर-जाल।

(iii). पुजारी से प्रसाद/फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन:स्थिति।

उत्तर:-  इन पंक्तियों में निम्नलिखित अर्थ का बोध होता

भूल गया उसका झट,

परम लाभ-सा पाकर मैं।

सोचा,-बेटी को माँ के ये

पुण्य-पुष्प दूँ जाकर मैं।

(iv). पिता की वेदना और पश्चाताप।

उत्तर:- इन पंक्तियों में निम्नलिखित अर्थ का बोध होता

 बुझ पड़ी थी चिता वहाँ पर

छाती धधक उठी मेरी, हाय ! फूल-सी कोमल बच्ची

हुई राख की ढेरी !

अंतिम बार गोद में बेटी,

तुझको न ले सका मैं हा!

एक फूल माँ का प्रसाद भी

तुझको दे न सका मैं हा!

एक फूल की चाह प्रश्न (ख). बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?

Hindi Class 9 Sparsh Solutions(उत्तर):- तेज बुखार से पीड़ित बीमार बच्ची ने अपने पिता से देवी माँ के चरणों में चढ़े फूल का प्रसाद पाने की इच्छा प्रकट की। बच्ची की इस इच्छा के पीछे देवी माँ के प्रति उसका विश्वास और आस्था हो सकती है। उसे लगा होगा कि देवी माँ के इस फूल को पाकर वह एकदम स्वस्थ हो जाएगी।

एक फूल की चाह प्रश्न (ग). सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?

Hindi Class 9 Sparsh Solutions(उत्तर):- मंदिर में पूजा करने वाले अन्य लोगों द्वारा सुखिया के पिता पर मंदिर में घुसकर उसे अपवित्र करने, मंदिर को गंदा करने और देवी माँ का अपमान करने का आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया। इसके पीछे लोगों का तर्क यह था कि वह एक अछूत था और उसे मंदिर में जाने की अनुमति नहीं थी। इस अपराध के दंड के रूप में उसे न्यायाधीश ने 7 दिन की जेल की सजा सुनाई।

एक फूल की चाह प्रश्न (घ). जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?

Hindi Class 9 Sparsh Solutions(उत्तर):- जेल से छूटने के बाद पिता आखिरी बार अपनी बेटी का मुँह तक नहीं देख पाया। जब वह जेल से अपने घर पहुंचा तो सुखिया वहाँ नहीं थी। फिर वह शमशान गया, जहाँ उसे अपनी बेटी राख के एक छोटे से ढेर में बदली हुई मिली। अर्थात, अपने पिता के वियोग और बीमारी की वजह से सुखिया की मृत्यु हो चुकी थी, उसके रिश्तेदारों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। इस प्रकार पिता अंतिम बार अपनी बेटी को जी भरकर देख भी ना सका।

एक फूल की चाह प्रश्न (ड). इस कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।

Hindi Class 9 Sparsh Solutions(उत्तर):- यह कविता हमारे समाज में गहराई तक फैली एक ऐसी कुप्रथा को उजागर करती है, जिससे शायद हम अभी तक पूरी तरह से छुटकारा नहीं पा सके हैं। इस कुप्रथा का नाम है- जाति के आधार लोगों को अछूत या नीच मानना। इस कविता में कवि ने इस कुप्रथा और इसके दुष्परिणामों का बेहद मार्मिक वर्णन किया है।

कवि ने दिखाया है कि कैसे जातिभेद की वजह से लोग एक पिता को अपनी बीमार बेटी के लिए देवी माँ के मंदिर से प्रसाद का एक फूल तक नहीं ले जाने देते। इसके बजाय, वो पिता को मंदिर अपवित्र करने के अपराध में सात दिन के लिए जेल भेज देते हैं। जिसकी वजह से वह अपनी बेटी को आख़िरी बार मिल भी नहीं पाता है।

कविता दिखाती है कि कैसे लोगों ने एक ही भगवान को जाति के आधार पर बाँट लिया है। जब ईश्वर ने हम सभी को एक जैसा बनाया है, तो हम आपस में भेदभाव क्यों करते हैं? कवि ने इसी बुराई की तरफ लोगों एक ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है।

एक फूल की चाह प्रश्न (च). इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों/बिम्बों को छाँटकर लिखिए – उदाहरण – अंधकार की छाया

Hindi Class 9 Sparsh Solutions(उत्तर):-

  1. हाय! फूल-सी कोमल बच्ची
  2. हुई राख की थी ढेरी !
  3. स्वर्ण घनों में कब रवि डूबा
  4. कितना बड़ा तिमिर आया
  5. झुलसी-जाती थी आँखें

2. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए –

(क). अविश्रांत बरसा करके भी

आँखें तनिक नहीं रीतीं

उत्तर:- आशय – इन पंक्तियों में कवि कहना चाहते है कि सुखिया के पिता जब जेल में बंद थे, तब अपनी पुत्री को याद करके उनके आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे। वह सात दिनों तक यही सोचकर रोते थे कि उनकी बीमार बेटी न जाने कैसी होगी।

अर्थ सौंदर्य – इन पंक्तियों में बताया है कि बादल भी लगातार बरसने के बाद खाली हो जाते हैं और उनमें बारिश करने की क्षमता नहीं रहती, लेकिन अपनी बेटी के प्रेम के दम पर सुखिया के पिता के आँसू रीत नहीं रहे थे, वो लगातार बहे जा रहे थे।

(ख). बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर

छाती धधक उठी पर

उत्तर:- आशय – इन पंक्तियों में कवि पिता के जेल से छूटकर घर जाने के बाद के माहौल का वर्णन कर रहे हैं। इन पंक्तियों के अनुसार, जब पिता अपने घर पहुँचा उसे अपनी बेटी वहाँ नहीं मिली। उन्हें अपनी बेटी शमशान में राख के ढेर के रूप में मिली। इसे देखकर पिता की छाती दर्द से जल उठी, उनके मन में एक टीस बाकी रह गयी कि होनी बेटी की आखिरी इच्छा को पूरी भी ना कर पाया और उसे अंतिम बार मिल भी नहीं पाया।

अर्थ सौंदर्य – इन पक्तियों में कवि बड़े मार्मिक ढंग से कहा है कि अपनी बेटी की चिता बुझी देखकर पिता का सीना दर्द से धधक उठा। उनके मन में पीड़ा और वियोग की ज्याला जलने लगी।

(ग). हाय ! वही चुपचाप पड़ी थी

अटल शांति-सी धारण कर

उत्तर:- आशय – इन पंक्तियों में कवि कहता है कि वो नन्ही सुखिया जो एक पल के लिए भी कभी शांत नहीं बैठा करती थी, हर पल कोई नई अठखेली करती थी, आज वो महामारी की चपेट में आकर एकदम शांत पड़ी है। 

अर्थ-सौंदर्य – इन पंक्तियों में सुखिया के पिता सोचते हैं कि हाय! मेरी चिड़िया-सी चहकने वाली बेटी आज कभी खत्म न होने वाली शांति धारण करके चुपचाप लेटी है।

(घ). पापी ने मंदिर में घुस कर

किया अनर्थ बड़ा भारी

उत्तर:- आशय – कवि ने इन पंक्तियों में सुखिया के पिता के मंदिर में फूल लेने के लिए जाने की घटना का वर्णन किया है। पिता के मंदिर में घुसने के बाद ऊँची जाति के लोग उसे पकड़ लेते हैं और मंदिर को अपवित्र करने के पाप का दोषी ठहराते हैं।

अर्थ-सौंदर्य – इन पंक्तियों में कवि ने बड़ी ही सुंदरता से इस विडंबना को दर्शाया है कि कैसे ईश्वर के बनाए मनुष्य आपस में एक-दूसरे से भेदभाव करते हैं और कैसे उन्होंने स्वयं ईश्वर को भी आपस में बाँट लिया है।

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