Karneliya Ka Geet Poem Question Answer Class 12

Karneliya Ka Geet Class 12 Chapter 1 Hindi Antra Question Answer

कार्नेलिया का गीत कविता क्लास 12 अंतरा पाठ 1 प्रश्न अभ्यास –  जयशंकर प्रसाद

कार्नेलिया का गीत प्रश्न 1. कर्नेलिया का गीत कविता में प्रसाद ने भारत की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया?

कार्नेलिया का गीत उत्तर- कर्नेलिया का गीत कविता में प्रसाद ने भारत की इन विशेषताओं की ओर संकेत किया – 

  1. सूर्य की लालिमा जब पेड़ो और वृषको की चोटी पर पहुँचती है तो ऐसा लगता है मानो वह नाच रही हो।
  2. सारी हरियाली पर सूर्य की किरणों का प्रकाश पड़ता है तब ऐसा लगता है मानो किसी ने मंगल कुमकुम बिखेर दिया हो।
  3. यह वही देश है जिसके ओर पक्षी भी अपने रंग- बिरंगे पंखों को फैलाकर उड़े चले आते हैं और वह सोचते है कि वह यही घोंसला बनाएँ क्यों कि वह इसे ही अपना घर समझते है।
  4. यहां के निवासियों के हृदय में करुणा के भाव रहता है और वह अपने दुखों को भूल कर उन लोगों को अपनाते है व उनकी  मदद करते हैं।
  5. इस देश की इतनी विशालता है कि सागर की लहरें भी इसके तट से टकराकर आराम पाती हैं।

कार्नेलिया का गीत प्रश्न 2- ‘उड़ते खग’ और ‘बरसाती आंखो के बादल’ में क्या विशेष अर्थ व्यंजित होता है?


कार्नेलिया का गीत उत्तर- ‘उड़ते खग’ से कवि कहना चाहता है कि पक्षी भी अपने रंग-बिरंगे पंखों को फैलाकर भारत वर्ष को अपना नीड़ यानि अपना घर समझकर उसकी ओर मुख किए उड़े चले आते हैं और अपने बच्चों को वह यही घोंसला बनाकर जन्म देते हैं इसका अभिप्राय यह है कि वो अनजान लोग है वह भारत में आना चाहते है क्योंकि वह यहां आकर शांति पाते है ।

बरसाती आँखों से कवि का मानना है कि यहां के लोगों के अंदर करुणा कि भावना  है उनके अंदर भले ही कितने दुख हो लेकिन वो बाहर से आए लोगों का दुख सुनकर उनको सुलझाने का प्रयास करते है उन्हें सहारा देते है और उन्हें आशा की किरण दिखाते है।

कार्नेलिया का गीत प्रश्न 3- काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए – 

हेम कुम्भ ले उषा सवेरे, भरती ढुलकाती सुख मेरे मंदिर ऊँघते रहते जब, जगकर रजनी भर तारा॥

कार्नेलिया का गीत उत्तर- भाव सौंदर्य: कवि कहता है मानो उषा रूपी  पनिहारि रूपी स्वर्ण  कलश में सुख वह समृद्धि रूप जल भरकर भारत भूमि पर लुढ़का देती है अर्थात प्रातः कालीन में भारतवासी सुख समृद्धि से भरपूर दिखाई पड़ते है। और रात भर जागने के कारण तारे भी नींद की खुमारी में मस्त रहते है पर अब वो छिपने की तैयारी कर रहे है क्योंकि अब उजाला होने वाला है। कवि ने प्रातः कालीन सौंदर्य का बहुत सुंदर वर्णन किया है। 

शिल्प सौंदर्य- 

  • तारों का और उषा का मानवीकरण किया है।
  • जब जागकर में अनुप्रास अलंकार है
  • हेम कुंभ में रुपक अलंकार है।
  • तत्सम शब्द व खड़ी बोली का प्रयोग है।
  • संगीतत्मकता और प्रतीकात्मकता है।

कार्नेलिया का गीत प्रश्न 4- ‘ जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा ‘ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

कार्नेलिया का गीत उत्तर- इस पंक्ति के माध्यम से कवि ये कहना चाहता है कि ये हमारा भारत देश अत्यंत उत्साह से भरा हुआ है। जब इस पर सूर्य की किरणों का प्रकाश पड़ता है, तब ये और भी सुंदर लगता है।

इस देश में सूर्य का ये दृश्य अत्यंत मनमोहक है यहां पहुँचकर अनजान  क्षितिज को भी सहारा मिल जाता है कहने का तात्पर्य ये है कि भारत में अपरिचित लोगों को यानि दूर देश से आए हुए लोगों को भी अपनापन लगता है उनको भी यहां सहारा मिलता है।

कार्नेलिया का गीत प्रश्न 5- कविता में व्यक्त प्रकृति चित्रों को अपने शब्दो में लिखिए।

कार्नेलिया का गीत उत्तर- कवि ने प्रातःकालीन सौंदर्य का बहुत सुंदर वर्णन किया है। कवि कहता है कि यह देश मधुरता से भरा हुआ है मिठास से भरा हुआ है यहां के निवासियों के मन में प्रेम भरा हुआ है और वह अत्यंत उत्साहित है। 

अतः सूर्य की किरणें जब इस देश पर पड़ती है तो यह देश और भी ज्यादा सुंदर लगता है पत्तियां मंद मंद हिलती हुई नज़र आती हैं लगता है मानो वह धूप की किरणों से वो नाच रहे हो और चारों ओर हरियाली छाई हुई है और उस पर धूप की किरणें ऐसी लगती है मानो पवित्र कुमकुम बिखर गया हो।

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