George Pancham Ki Naak Question Answer – Hindi Kritika Class 10 Chapter 2

इस लेख में हम दसवीं कक्षा की हिंदी विषय की पुस्तक कृतिका के दूसरे अध्याय ‘जॉर्ज पंचम की नाक’ के प्रश्न और उनके उत्तरों (Hindi Kritika Class 10 Chapter 2 George Pancham Ki Naak Question Answer) के बारे में पढ़ेंगे और समझेंगे।

Hindi Kritika Class 10 Chapter 2 George Pancham Ki Naak Question Answer

जॉर्ज पंचम की नाक के प्रश्न उत्तर

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 1.
सरकारी तंत्र में
जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है वह उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है।

George pancham ki naak answer 1.
सरकारी तंत्र में
जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है, उससे उनकी गुलामी मानसिकता का पता चलता है। वे लोग आजाद तो है, परंतु मन से अभी भी अंग्रेजों के गुलाम हैं। उन्हें अपने देश के शहीदों से अधिक महत्वपूर्ण उस अतिथि की नाक लगती है। जिसने देश के आज़ाद होने से पहले देश में शासन किया और सभी को अपना गुलाम बनाया था।


जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 2.
रानी एलिजाबेथ के दर्जी की परेशानी का कारण था? उसकी परेशानी को आप किस तरह तर्कसंगत ठहरायएँगे?

George pancham ki naak answer 2.
रानी एलिजाबेथ के दर्जी की परेशानी का कारण यह था कि जब महारानी एलिजाबेथ हिंदुस्तान, नेपाल और पाकिस्तान के दौरे पर जाएँगी तो कब, कहाँ और कौन-से वस्त्र पहनेंगी।

हमारे अनुसार दर्जी की परेशानी सही थी क्योंकि रानी एलिजाबेथ एक बड़े देश की महारानी थी। इसलिए उनके पहनावे का विशेष ध्यान रखना पड़ता था। यदि दर्जी से कोई चूक हो जाती, तो उसे रानी के गुस्से का सामना करना पड़ सकता था। 

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 3.
‘और देखते ही देखते नयी दिल्ली का काया पलट होने लगा’ नयी दिल्ली की काया पलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए होंगे।

George pancham ki naak answer 3.
नयी दिल्ली की काया पलट के लिए निम्नलिखित प्रयत्न किए गए होंगे-

(क) दिल्ली के सभी सरकारी भवनों की अच्छे से रंगाई की गई होगी।

(ख) सड़कों की भी मुरम्मत की गई होगी।

(ग) सड़कों के किनारे पेड़-पौधे और खुबसूरत फूल लगाए गए होंगे।

(घ) राजधानी की बेशकीमती इमारतों को खुबसूरत बनाने के लिए रंग-बिरंगे बल्बों का भी इंतजाम किया गया होगा।

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 4.
आज की पत्रकारिता में चर्चित हस्तियों के पहनावे और खान-पान संबंधी आदतों आदि के वर्णन का दौर चल पड़ा है

(क) इस प्रकार की पत्रकारिता के बारे में आपके क्या विचार हैं?

(ख) इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर क्या प्रभाव डालती है?

George pancham ki naak answer 4.
(क) वर्तमान में इस प्रकार की पत्रकारिता को सही नहीं माना जा सकता क्योंकि देश में ऐसे बहुत सी समस्याएं हैं, जिन पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता है। पत्रकारिता का दायित्व बनता है कि वे लोगों की समस्याओं को देश के समक्ष रखे। लोगों का ध्यान फालतू चीजों की जगह ऐसी जगह केंद्रित करें जिससे कि देश का विकास हो सके।

(ख) इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर बुरा प्रभाव डालती है क्योंकि युवा पीढ़ी खिलाड़ियों, अभिनेताओं को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी नक़ल करते है। उनके पहनावे को देख खुद भी वैसे ही कपड़े पहनते हैं। जिससे उनका अन्य चीजों से ध्यान भटक जाता है।

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 5.
जॉर्ज पंचम की लाट(मूर्ति) की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने क्या-क्या यत्न किए?

George pancham ki naak answer 5.
जॉर्ज
पंचम की लाट(मूर्ति) की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने निम्नलिखित यत्न किए-

(क) सबसे पहले मूर्तिकार ने उस पत्थर की तलाश करनी शुरू की जिससे जॉर्ज पंचम की लाट(मूर्ति) बनाई गई थी।

(ख) मर्तिकार ने देश के शहीदों की मूर्तियों के नाक को जॉर्ज पंचम की नाक के स्थान पर लगाने का प्रयास किया।

(ग) मूर्तिकार ने बिहार के सचिवालय के सामने शहीद बच्चों की मूर्तियों की नाक को जॉर्ज पंचम की नाक के स्थान पर लगाने का प्रयास किया।

(ड़) अंत में जब मूर्तिकार असफल हुआ, तो उसने जिंदा नाक लगाने का प्रयास किया।

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 6.
प्रस्तुत कहानी में जगह-जगह कुछ ऐसे कथन आए हैं जो मौजूदा व्यवस्था पर करारी चोट करते हैं। उदहारण के लिए ‘फाइलें सब कुछ हज़म कर चुकी हैं’। ‘सब हुक्कामों ने एक- दूसरे की तरफ़ ताका’। पाठ में आए ऐसे अन्य कथन छांटकर लिखिए।

George pancham ki naak answer 6.
पाठ में आए ऐसे व्यंगात्मक कथन इस प्रकार हैं-

(क) शंख इंग्लैंड में बज रहा था, गूंज हिंदुस्तान में आ रही थी।

(ख) गश्त लगती रही और लाट(मूर्ति) की नाक चली गई।

(ग) सभी सहमत थे कि अगर यह नाक नहीं है, तो हमारी भी नाक नहीं रह जाएगी।

(घ) एक की नज़र ने दूसरे से कहा यह बताने की जिम्मेदारी तुम्हारी है।

(ड़.) पुरातत्व विभाग की फाइलों के पेट चीरे गए पर कुछ भी पता नहीं चला।

(च) यह छोटा सा भाषण फ़ौरन अख़बारों में छप गया।

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 7.
नाक मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का द्द्योतक है। यह बात पूरी व्यंग्य रचना में किस तरह उभरकर आई है? लिखिए।

George pancham ki naak answer 7.
नाक मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का द्द्योतक है, इस पाठ में यह बात पूर्ण रूप से उभरकर आई है। इस पाठ में कुछ ऐसे प्रसंग आए है-

(क) जॉर्ज पंचम की नाक का छोटा हो जाना व अंग्रेजी शासन व्यवस्था की प्रतिष्ठा धूल में मिल जाना।

(ख) भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों और शहीद बच्चों की नाक का जॉर्ज पंचम की नाक से बड़ा होना हमें यह बताता है कि हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों और शहीद बच्चों की प्रतिष्ठा जॉर्ज पंचम की प्रतिष्ठा से ज्यादा बड़ी है।

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 8.
जॉर्ज पंचम की लाट(मूर्ति) पर किसी भी भारतीय नेता, यहाँ तक कि भारतीय बच्चे की नाक फिट न होने की बात से लेखक किस ओर संकेत करना चाहता है।

George pancham ki naak answer 8.
जॉर्ज
पंचम की लाट(मूर्ति) पर किसी भी भारतीय नेता, यहाँ तक कि भारतीय बच्चे की नाक फिट न होने की बात से लेखक ने यह बताने का प्रयास किया है कि हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण त्याग दिए। अंग्रेजों की प्रतिष्ठा से ज्यादा बड़ी है, यहाँ तक कि भारतीय बच्चों की प्रतिष्ठा भी जॉर्ज पंचम की प्रतिष्ठा से ज्यादा बड़ी है।

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 9.
अख़बारों ने जिंदा नाक लगने की खबर को किस तरह से प्रस्तुत किया?

George pancham ki naak answer 9.
अखबारों ने जिंदा नाक लगने की खबर को केवल एक ही पंक्ति में इस प्रकार प्रस्तुत किया है,
जॉर्ज पंचम को जिंदा नाक लगाई गई… “यानि ऐसी नाक जो कतई पत्थर की नहीं लगती” इस पंक्ति के अलावा उस दिन पूरे अखबार में कुछ भी नहीं छपा था। अखबार में न तो कोई समारोह और न ही किसी तरह के उद्घाटन की सूचना थी।

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 10.
“नयी दिल्ली में सब था…..सिर्फ नाक नहीं थी”। इस कथन के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

George pancham ki naak answer 10.
“नयी दिल्ली में सब था…..सिर्फ नाक नहीं थी” इस कथन के माध्यम से लेखक हुक्कामों की गुलामी मानसिकता की ओर संकेत करते हुए लेखक करारा व्यंग्य करते हैं कि जिन्होंने हमारे देश को इतने सालों से गुलाम बनाया हुआ था उन्हीं अंग्रेज़ शासक की मूर्ति की नाक की चिंता भारतीय अधिकारियों को है। इन लोगों को आम जनता की प्रतिष्ठा की बिल्कुल भी परवाह नहीं है।

जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न 11.
जॉर्ज पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अख़बार चुप क्यों थे?

George pancham ki naak answer 11.
जॉर्ज
पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अख़बार इसलिए चुप थे क्योंकि अख़बार आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। आम जनता को यह बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही थी कि हमारे देश के अधिकारी उन अंग्रेजों की इतनी चिंता कर रहे हैं। हम आजाद होते हुए भी उनके गुलाम बने हुए हैं। वे इस बात का विरोध चुप रहकर कर रहे थे। 

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