class 9 hindi sanchayan chapter 3 kallu kumhar ki unakoti extra question answer

इस चैप्टर में हम कक्षा 9 की पुस्तक संचयन में दिए गए तीसरे अध्याय ‘कल्लू कुम्हार की उनाकोटी के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर’ (Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 3 kallu kumhar ki unakoti extra question answer) पढ़ेंगे और समझेंगे।

kallu kumhar ki unakoti extra question answer

Kallu kumhar ki unakoti question 1. किस घटना के कारण लेखक त्रिपुरा के उनाकोटी क्षेत्र की यादों में खो गया ?

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पाठ का उत्तर 1 – एक दिन प्रातःकाल आकाश काले बादलों से भर गया। चारों ओर अँधेरा छा गया था। उस दिन सुबह-सुबह आकाश बिल्कुल ठंडा और भूरा दिखाई दे रहा था। बादलों की तेज़ गर्जना और बीच-बीच में बिजली का कड़क कर चमकना प्रकृति के तांडव के समान दिखाई दे रहा था। तीन साल पहले ठीक ऐसा ही लेखक के साथ त्रिपुरा के उनाकोटी क्षेत्र में हुआ था। वहाँ भी अचानक घनघोर बादल घिर आए थे और गर्जन -तर्जन के साथ प्रकृति का तांडव शुरू हो गया था। तीन साल पहले और उस दिन के वातावरण में पूर्ण समानता होने के कारण ही लेखक त्रिपुरा के उनाकोटी क्षेत्र की यादों में खो गया।


kallu kumhar ki unakoti 2.प्रस्तुत पाठ में त्रिपुरा के विषय में दी गई जानकारी को संक्षेप में लिखिए।

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पाठ का उत्तर 2 – प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बताया है कि दिसंबर 1999 में ‘ऑन द रोड’ शीर्षक से तीन खंडों वाली एक टी०वी० श्रृंखला बनाने के सिलसिले में वह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला गया था। उसने बताया कि त्रिपुरा भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक है। इसकी जनसंख्या वृद्धि की दर चौंतीस प्रतिशत से भी अधिक है। यह तीन ओर से बाँग्लादेश और एक ओर से भारत के मिज़ोरम व असम राज्य से जुड़ा हुआ है। यहाँ बाँग्लादेश के लोगों का गैर-कानूनी ढंग से आना-जाना लगा रहता है। असम और पश्चिम बंगाल के लोग भी यहाँ खूब रहते हैं।

यहाँ बाहरी लोगों के लगातार आने से जनसंख्या का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है। यह त्रिपुरा में आदिवासी असंतोष का भी मुख्य कारण है। इसके साथ-साथ त्रिपुरा अनेक धर्मों के लोगों के यहाँ बस जाने के कारण बहुधार्मिक समाज का उदाहरण भी बना हुआ है। त्रिपुरा में महात्मा बुद्ध और भगवान शिव की अनेक मूर्तियाँ हैं। यहाँ के उनाकोटी क्षेत्र को तो शैव तीर्थ के रूप में जाना जाता है। यहाँ का पूरा इलाका देवी- देवताओं की मूर्तियों से भरा पड़ा है। उनाकोटी में भगवान शिव की एक करोड़ से एक कम मूर्तियाँ हैं।

kallu kumhar ki unakoti 3. लेखक के त्रिपुरा जाने का उद्देश्य क्या था ?

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पाठ का उत्तर 3 – लेखक दिसंबर 1999 में ‘ऑन द रोड’ शीर्षक से तीन खंडों वाली एक टी.वी श्रृंखला बनाने के सिलसिले में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला गया था। इसके पीछे उसका उद्देश्य त्रिपुरा की समूची लंबाई में आर-पार जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग- 44 से यात्रा करने और त्रिपुरा की विकास संबंधी गतिविधियों के बारे में जानकारी ग्रहण करके उसे अपनी टी०वी० श्रृंखला में प्रस्तुत करना था।

kallu kumhar ki unakoti 4. उनाकोटी में शूटिंग करते समय शाम का मौसम अचानक कैसा हो गया ?

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पाठ का उत्तर 4 – लेखक और उसके साथियों को उनाकोटी में शूटिंग करते-करते शाम के चार बज गए। शाम होते ही सूर्य उनाकोटी के ऊँचे पहाड़ों के पीछे छिप गया और चारों ओर भयानक अंधकार छा गया। अचानक मौसम में भी बदलाव आ गया। तभी कुछ ही मिनटों में वहाँ चारों ओर बादल घिर आए। बादलों ने गर्जन – तर्जन के साथ कहर बरपाना आरंभ कर दिया। उस समय लेखक को ऐसा लगा, मानो शिव जी का तांडव शुरू हो गया हो।

kallu kumhar ki unakoti 5. लेखक ने अगरतला के विषय में क्या कहा है ?

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पाठ का उत्तर 5 – अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है। पहले अगरतला मंदिरों और महलों के शहर के रूप में जाना जाता था। उज्जयंत महल अगरतला का मुख्य महल है। इस महल में अब त्रिपुरा की विधानसभा बैठती है। यह महल राजाओं से आम जनता को हुए सत्ता हस्तांतरण को अभिव्यक्त करता है।

kallu kumhar ki unakoti 6. त्रिपुरा में संगीत की जड़ें काफ़ी गहरी हैं। कैसे ?

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पाठ का उत्तर 6 – त्रिपुरा को यदि सुरों का घर कहा जाए, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। त्रिपुरा में संगीत की जड़ें काफी गहरी हैं। बॉलीवुड के सबसे मौलिक संगीतकारों में से एक एस.डी बर्मन त्रिपुरा से ही आए थे। वे त्रिपुरा के राजपरिवार के उत्तराधिकारियों में से एक थे। यहीं लोकगायक हेमंत कुमार जमातिया हुए, जिन्होंने अपने गीतों से जनमानस को आनंदित किया।

kallu kumhar ki unakoti 7. उत्तरी त्रिपुरा किस कार्य के लिए लोकप्रिय है ?

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पाठ का उत्तर 7 – उत्तरी त्रिपुरा घरेलू उद्योगों और विकास का जीता-जागता नमूना है। यहाँ की घरेलू गतिविधियों में अगरबत्तियों के लिए बाँस की पतली सीकें तैयार करना सम्मिलित है। इन सीकों को अगरबत्तियाँ बनाने के लिए गुजरात तथा कर्नाटक भेजा जाता है। उत्तरी त्रिपुरा का मुख्यालय कैलाश शहर है। यह बाँग्लादेश की सीमा के बहुत नज़दीक है।

कक्षा 9 की पुस्तक संचयन में दिए गए तीसरे अध्याय ‘कल्लू कुम्हार की उनाकोटी कक्षा 9 संचयन पाठ 3 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर’ Sanchayan Class 9 Chapter 3 kallu kumhar ki unakoti extra question answer जुड़े सवालों के जवाब पाने के लिए कमेंट बॉक्स में अपना मैसेज लिखें।

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