Hindi Sanchayan Chapter 2 smriti class 9 extra question answer

इस चैप्टर में हम कक्षा 9 की पुस्तक संचयन में दिए गए दूसरे अध्याय ‘स्मृति के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर’ (Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 2 Smriti extra question answer पढ़ेंगे और समझेंगे।

Smriti Class 9 Extra question answer

smriti class 9 question 1. गाँव के एक आदमी ने लेखक को जल्दी से घर लौटने को क्यों कहा?

स्मृति पाठ का उत्तर- गाँव के एक आदमी ने लेखक को जल्दी से घर लौटने के लिए इसलिए कहा क्योंकि लेखक के बड़े भाई लेखक को जल्दी ही घर आने को कह रहे थे।


smriti class 9 question 2. लेखक क्यों उदास सा घर की ओर चल रहा था?

स्मृति पाठ का उत्तर- लेखक के मन में उसके बड़े भाई साहब से मार पड़ने का डर था इसलिए वह उदास सा घर की ओर चल रहा था। लेखक को समझ में नहीं आ रहा था कि उससे कौन-सी गलती हो गई है जो उसके भाई साहब ने उसे इस तरह घर बुलाया है। डरते-डरते लेखक घर में घुसा। उसे डर था कि बेर खाने के अपराध में ही कहीं उसकी खबर न ली जाए। 

smriti class 9 question 3. लेखक के भाई साहब ने लेखक और उसके छोटे भाई को क्या काम दिया?

स्मृति पाठ का उत्तर- लेखक के भाई साहब ने लेखक और उसके छोटे भाई से कहा कि उनके द्वारा लिखे गए पत्रों को ले जाकर मक्खनपुर में स्थित डाकखाने में डाल आए। तेज़ी से जाना जिससे शाम की डाक में उनकी चिट्ठियां निकल जाएँ ताकि ये चिट्ठियाँ जल्दी ही वहाँ पहुँच जाए जहाँ उन्हें भेजा जाना है क्योंकि वे बहुत जरुरी थी।

smriti class 9 question 4. लेखक को बबूल के डंडे से अत्यधिक प्यार क्यों था?

स्मृति पाठ का उत्तर- लेखक को अपने बच्चपन में उस बबूल के डंडे से इतना अधिक प्यार था, जितना लेखक आज की उम्र में रायफल से भी नहीं करता था। इसका एक कारण यह भी था कि लेखक ने न जाने कितने साँपों को उस डंडे से मारा था। मक्खनपुर के स्कूल और गाँव के बीच पड़ने वाले आम के पेड़ों से हर साल उस डंडे की सहायता से न जाने लेखक कितने आम तोड़ता था। इसी कारण से लेखक को अपना वह गूँगा डंडा भी सजीव-सा प्रतीत होता था। ऐसा लगता था जैसे उस डंडे में जान हो। 

smriti class 9 question 5. लेखक ने चिठ्ठियों को टोपी में क्यों रखा था?

स्मृति पाठ का उत्तर- लेखक ने चिठ्ठियों को टोपी में इसलिए रखा था क्योंकि लेखक के कुर्ते में जेब नहीं थी।

smriti class 9 question 6. ‘स्मृति’ पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है? अपने विचार प्रकट कीजिए।

स्मृति पाठ का उत्तर – बच्चे बाल्यावस्था में पेड़ों पर चढ़ते हैं और उस पेड़ के फल तोड़कर खाते हैं, कुछ फल फेंक देते हैं तथा बच्चों को पेड़ों से बेर आदि फल तोड़कर खाने में मजा आता है। बच्चे स्कूल जाते समय रास्ते में शरारतें करते हुए तथा शोर करते हुए जाते हैं। तथा बच्चे जीव-जन्तुओं को तंग करके खुश होते हैं। रास्ते में कुत्ते, बिल्ली या किसी कीड़े को पत्थर मारकर सताते हैं। क्योंकि वे नासमझ होते हैं। उन्हें उनके दर्द व पीड़ा के बारे में पता नहीं चलता। वे नासमझी व बाल शरारतों के कारण ऐसा करते हैं।

smriti class 9 question 7. पिटाई के डर से लेखक को माँ की गोद की याद क्यों आ रही थी?

स्मृति पाठ का उत्तर- पिटाई के डर से लेखक को माँ की गोद की याद आ रही थी, उसका जी चाह रहा था कि उसकी माँ आए उसे छाती से लगाए और लाड़-प्यार करके यह कह दे कि कोई बात नहीं, चिट्ठियां तो फिर से लिख ली जाएँगी, रोने की कोई बात नहीं। अक्सर जब भी बच्चे किसी मुसीबत में फँसते हैं तो उन्हें माँ की ही याद आती है क्योंकि बच्चे माँ के आँचल में ही सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। 

smriti class 9 question 8. लेखक का छोटा भाई लेखक के कुँए में जाने के निर्णय पर क्यों रो रहा था?

स्मृति पाठ का उत्तर – लेखक का छोटा भाई लेखक के कुँए में जाने के निर्णय पर रो रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि लेखक की मौत उसे नीचे बुला रही है कहने का तात्पर्य यह है कि उसे लग रहा था कि अगर लेखक निचे कुँए में गया तो वह जरूर साँप के काटे जाने से मर जाएगा। यद्यपि वह शब्दों से कुछ नहीं कह रहा था बस वह रोए जा रहा था। 

smriti class 9 question 9. लेखक नीचे पहुँचते ही साँप को मार देगा, इस विश्वास का क्या कारण था?

स्मृति पाठ का उत्तर – लेखक नीचे पहुँचते ही साँप को मार देगा, इस विश्वास का कारण यह था कि इससे पहले भी लेखक ने अनेक साँप मारे थे। इसलिए कुएँ में घुसते समय लेखक को साँप का बिलकुल भी डर नहीं था। साँप को मारना लेखक को बाएँ हाथ का खेल लगता था। यानि साँप को मारना लेखक बहुत आसान समझता था।

smriti class 9 question 10. लेखक ने कुँए में उतरने के लिए क्या उपाय किया?

स्मृति पाठ का उत्तर- लेखक ने दोनों हाथों से धोती पकड़े हुए ही अपने पैर कुएँ की बगल में लगा दिए। दीवार से पैर लगाते ही कुछ मिट्टी नीचे गिरी और साँप ने फू करके उस मिट्टी पर मुँह मार कर हमला किया। लेखक के पैर भी दीवार से हट गए, और लेखक की टाँगें कमर से लटकती हुई समकोण बनाती रहीं, इससे लेखक को यह फायदा हुआ कि लेखक को साँप से दूरी और कुएँ की परिधि पर उतरने का ढंग मालूम हो गया। लेखक ने झूलकर अपने पैर कुएँ की बगल से सटाए, और कुछ धक्वे देने के साथ ही वह अपने शत्रु के सामने कुँए की दूसरी ओर डेढ़ गज पर-कुएँ के धरातल पर खड़ा हो गया। 

smriti class 9 question 11. लेखक ने चिठ्ठियाँ उठाने के लिए कौन सा रास्ता चुना?

स्मृति पाठ का उत्तर – लेखक के पास केवल एक रास्ता था। डंडे से साँप की ओर से चिठियों को सरकाया जाए। यदि साँप में आक्रमण किया, तो लेखक के पास उसे मारने के अलावा कोई चारा नहीं था। लेखक के पास केवल एक कुर्ता था, और कोई कपड़ा नहीं था जिससे वह साँप के मुँह की ओर करके उसके फन को पकड़ सके। लेखक के पास मारना या बिल्कुल छेड़खानी न करना-ये दो रास्ते थे। इसलिए लेखक का पहला रास्ता तो लेखक की शक्ति के बाहर था। मजबूर होकर लेखक को दूसरे रास्ते का सहारा लेना पड़ा।

smriti class 9 question 12. साँप की फूँ-फूँ लेखक के उछलने के कारण लेखक का छोटा भाई क्यों रोने लगा?

स्मृति पाठ का उत्तर- कुँए के ऊपर फूँ-फूँ और लेखक के उछलने और फिर वहीं धमाके से खड़े होने से लेखक के छोटे भाई ने समझा कि लेखक का काम समाप्त हो गया और भाई का नाता फूँ-फूँ और धमाके में टूट गया यानि लेखक के भाई को लगा कि लेखक की साँप के काटने से मौत हो गई है। लेखक को साँप के काटने से होने वाले दर्द और लेखक से बिछुड़ जाने के खयाल से ही लेखक के छोटे भाई के कोमल हृदय को धक्का लगा। भाई के प्यार के ताने-बाने को चोट लगी। उसकी चीख निकल गई। अर्थात वह बहुत अधिक डर गया। 

smriti class 9 question 13. लेखक और लेखक का छोटा भाई जब चिट्ठियाँ डालने जा रहे थे, तब उन्होंने रास्ते के लिए क्या प्रबंध किए?

स्मृति पाठ का उत्तर – लेखक और उसका छोटा भाई जब चिट्ठियाँ डालने जा रहे थे, वे दिन जाड़े के दिन तो थे। साथ ही साथ ठंडी हवा के कारण उन दोनों को कॅंप-कँपी भी लग रही थी। हवा इतनी ठंडी थी कि हड्डी के भीतर भरा मुलायम पदार्थ तक ठण्ड से ठिठुरने लगा था, इसलिए लेखक और लेखक के भाई ने ठण्ड से बचने के लिए अपने कानों को धोती से बाँधा। लेखक की माँ ने रास्ते में दोनों के खाने के लिए थोड़े से भुने हुए चने एक धोती में बाँध दिए थे। दोनों भाई अपना-अपना डंडा लेकर घर से निकल पड़े। उस समय उस बबूल के डंडे से उन लोगों को इतना प्यार था, जितना लेखक आज की उम्र में रायफल से भी नहीं करता था।

smriti class 9 question 14. लेखक कुएँ से चिट्ठी निकालने का काम टाल सकता था, परन्तु उसने ऐसा नहीं किया। ‘स्मृति’ कहानी से उसके चरित्र की कौन-सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?

स्मृति पाठ का उत्तर- लेखक के द्वारा कुएँ से चिट्ठी निकालने का काम टल सकता था। लेकिन बड़े भाई की डाँट के डर से उसने ऐसा नहीं किया। इसके साथ ही लेखक बहुत ईमानदार भी था वह अपने भाई से झूठ बोलना अथवा बहाना लगाना नहीं चाहता था। चिट्ठियों को पहुँचाने की जिम्मेदारी, कर्तव्यनिष्ठा की भावना उसे कुएँ के पास से जाने नहीं दे रही थी ।

लेखक ने पूरे साहस व सूझ-बूझ के साथ कुएँ में नीचे उतरकर एकाग्रचित हो साँप की गतिविधियों को ध्यान में रखकर चिट्ठियाँ बाहर निकाल लीं। इस तरह हमें लेखक की ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ उसके साहस, दृढ़ निश्चय, एकाग्रचित्ता व सूझ-बूझ की जानकारी भी मिलती है।

smriti class 9 question 15. कभी-कभी दृढ़ संकल्प के साथ तैयार की गई योजना भी प्रभावी नहीं हो पाती है। कुएँ से चिट्ठी निकालने के लिए लेखक द्वारा बनाई गई पूर्व-योजना क्यों सफल नहीं हुई? ‘स्मृति’ पाठ के आधार पर बताइए।

स्मृति पाठ का उत्तर- चिट्ठियाँ कुएँ में गिर जाने पर लेखक बहुत भारी मुसीबत में फँस गया। पिटने का डर और जिम्मेदारी का अहसास उसे चिट्ठियाँ निकालने के लिए विवश कर रहा था। लेखक ने धोतियों में गाँठ बाँध कर रस्सी बनाकर कुएँ में उतरने की योजना बना ली। लेखक को स्वयं पर भरोसा था कि वह नीचे जाते ही डंडे से दबाकर साँप को मार देगा और चिट्ठियाँ लेकर ऊपर आ जाएगा क्योंकि वह पहले भी कई साँप मार चुका था।

उसे अपनी योजना में कमी नहीं दिखाई दे रही थी, परन्तु लेखक द्वारा बनाई गई यह पूर्व योजना सफल नहीं हुई, क्योंकि योजना की सफलता परिस्थिति पर निर्भर करती है। कुएँ में स्थान की कमी थी और साँप भी व्याकुलता से उसको काटने के लिए तत्पर था। ऐसे में डंडे का प्रयोग करना संभव नहीं था।

smriti class 9 question 16. ‘स्मृति’ कहानी बाल मनोविज्ञान को किस प्रकार प्रकट करती है? बच्चों के स्वभाव उनके विचारों के विषय में हमें इससे क्या जानकारी मिलती है?

स्मृति पाठ का उत्तर – बाल मस्तिष्क हर समय सूझ-बूझ से कार्य करने में सक्षम नहीं होता। बच्चे शरारतों का ध्यान आते ही अपने चंचल मन को रोक नहीं पाते। खतरे उठाने, जोखिम लेने, साहस का प्रदर्शन करने में उन्हें आनन्द आता है वे अपनी जान को खतरे में डालने से भी नहीं चूकते। लेकिन बच्चों का हृदय बहुत कोमल होता है। बच्चे मार व डाँट से बहुत डरते हैं।

जिस तरह लेखक बड़े भाई की डाँट व मार के डर से तथा चिट्ठियों को समय पर पहुँचाने की जिम्मेदारी की भावना के कारण जहरीले साँप तक से भिड़ गयी। बच्चे अधिकतर ईमानदार होते हैं वे बड़ों की भाँति न होकर छल व कपट से दूर होते हैं। मुसीबत के समय बच्चों को सबसे अधिक अपनी माँ की याद आती है। माँ के आँचल में वे स्वयं को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।

smriti class 9 question 17. “अपनी शक्ति के अनुसार योजना बनाने वाला ही सफल होता है”–स्मृति पाठ के अनुसार इस कथन की विवेचना कीजिए।

स्मृति पाठ का उत्तर– लेखक ने कुएँ में चिट्ठियाँ गिर जाने के बाद बहुत ही बुद्धिमानी, चतुरता एवं साहस का परिचय दिया। कठिन परिस्थिति में भी उसने हिम्मत नहीं हारी। कुएँ में जहरीला साँप होने के बावजूद वह साहसपूर्ण युक्ति से अपने पास मौजूद सभी धोतियों को आपस में बाँध आता है, ताकि वे नीचे तक चली जाएँ।

सांप के डसे जाने से बचने के लिए उसने पहले कुएँ की बगल की मिट्टी गिराई। फिर डंडे से चिट्ठियों को सरकाया। डंडा छूट जाने पर उसने साँप का ध्यान दूसरी ओर बँटाया, फिर डंडे को उठा लिया। साँप का आसन बदला तो उसने चिट्ठियाँ भी उठा लीं और उन्हें धोतियों में बाँध दिया। इस प्रकार लेखक ने अपनी बुद्धि का पूरा सदुपयोग करके तथा युक्तियों का सहारा लेकर कुएँ में गिरी हुई चिट्ठियों को निकाला। यह उसकी साहसिकता का स्पष्ट परिचय देता है।

smriti class 9 question 18. जब लेखक और उसका छोटा भाई उस कुएँ की ओर से निकले, जिसमें साँप गिरा हुआ था, तब उनके साथ कौन सी घटना घटी जिससे लेखक पर बिजली-सी गिर पड़ी?

स्मृति पाठ का उत्तर – जब लेखक और उसका छोटा भाई उस कुएँ की ओर से निकले, जिसमें साँप गिरा हुआ था तब लेखक के मन में कुएँ में पत्थर फेंककर साँप की फुसकार सुनने की उसकी इच्छा जाग गई। लेखक कुएँ  पत्थर डालने के लिए कुँए की ओर बढ़ा। छोटा भाई भी लेखक के पीछे इस तरह चल पड़ा जैसे बड़े हिरण के बच्चे के पीछे छोटा हिरन का बच्चा चल पड़ता है।

लेखक ने कुएँ के किनारे से एक पत्थर उठाया और उछलकर एक हाथ से टोपी उतारते हुए साँप पर पत्थर गिरा दिया, परन्तु लेखक पर तो बिजली-सी गिर पड़ी क्योंकि उस समय जो घटना घटी उस घटना के कारण लेखक को यह भी याद नहीं कि साँप ने फुसकार मारी या नहीं, पत्थर साँप को लगा या नहीं। यह घटना थी टोपी के हाथ में लेते ही तीनों चिठियाँ चक्कर काटती हुई कुएँ में गिर जाने की।

smriti class 9 question 19. जब लेखक ने कुएँ के धरातल की ओर ध्यान से देखा तो लेखक क्यों हैरान हो गया?

स्मृति पाठ का उत्तर – जब लेखक ने कुएँ के धरातल की ओर ध्यान से देखा तो लेखक ने जो देखा उसे देखकर वह हैरान हो गया क्योंकि कुँए के धरातल पर साँप अपना फन फैलाए धरातल से एक हाथ ऊपर उठा हुआ लहरा रहा था। साँप की पूँछ और पूँछ के समीप का भाग ही पृथ्वी पर था, बाकी का आधा आगे का भाग हवा में ऊपर उठा हुआ था और वह साँप लेखक के निचे आने की ही प्रतीक्षा कर रहा था। धोती के नीचे डंडा बँधा था, जो लेखक के उतरने की गति से इधर-उधर हिल रहा था।

शायद उसी के कारण लेखक को उतरते देख साँप घातक चोट करने के आसन पर बैठा था अर्थात फन फैलाए लेखक को डँसने के लिए तैयार बैठा था। सँपेरा जैसे बीन बजाकर काले साँप को खिलाता है और साँप क्रोधित हो कर अपना फन फैलाकर खड़ा होता है और फुँकार मारकर चोट करता है, ठीक उसी तरह यह कुँए का साँप भी तैयार बैठा था। उसका शत्रु लेखक उससे कुछ हाथ ऊपर धोती पकड़े लटक रहा था।

smriti class 9 question 20. लेखक ने भय, निराशा और उद्वेग के मन में आने तथा माँ की गोद याद आने का वर्णन किस प्रसंग में किया है? ‘स्मृति’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

स्मृति पाठ का उत्तर – लेखक अपने वर्णन में बताता है कि बच्चों की टोली स्कूल के रास्ते में पड़ने वाले सूखे कुएँ में पड़े एक साँप को ढेले मारकर उसकी फुसकार सुनने की अभ्यस्त हो गई थी। वास्तव में लेखक जब अपने बड़े भाई द्वारा दी गई चिट्ठियों को मक्खनपुर के डाकखाने में डालने के लिए अपने छोटे भाई के साथ जा रहा था, तब रास्ते में कुएँ वाले साँप को ढेले मारकर उसकी हुँफकार सुनने का विचार पुनः उसके मन में आया। लेखक के इसी प्रयास के दौरान उसकी टोपी में रखी चिट्ठियाँ कुएँ में जा गिरी।

लेखक का उपर्युक्त कथन इसी घटना के संदर्भ में है क्योंकि कुएँ के बहुत अधिक गहरा होने, अपनी उम्र कम होने और सबसे ज्यादा कुएँ में पड़े विषैले साँप के डर से वह चिट्ठियों को निकालने का कोई उपाय नहीं समझ पा रहा था। चिट्ठियाँ न मिलने का परिणाम बड़े भाई द्वारा दिया जाने वाला दंड था। इसलिए लेखक निराशा, भय और उद्वेग अर्थात् घबराहट के मनोभावों के बीच फंस गया था। स्वाभाविक रूप से बचपन में कोई कार्य गलत हो जाता है तो बच्चे अपने अपराध- निवारण या उससे संबंधित दंड से बचने हेतु माँ के लाड़-प्यार और उसकी गोद का आश्रय लेना स्वभावतः पसंद करते हैं। माँ की ममता बच्चों के लिए एक सुरक्षात्मक आवरण की भाँति कार्य करती है इसी कारण लेखक ने ऐसा कहा है।

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