CBSE Class 6 Hindi Chapter 1 Vah Chidiya Jo Solution- वह चिड़िया जो
केदारनाथ अग्रवाल का जीवन परिचय: यह कविता हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार श्री केदानाथ अग्रवाल के द्वारा रचित है। श्री केदानाथ अग्रवाल प्रगतिशील काव्य धारा के प्रमुख कवि जाने जाते हैं। इनका जन्म उत्तरप्रदेश के कमासिन गाँव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा- दीक्षा गाँव के प्राकृतिक वातावरण में होने के कारण उनकी कविताओं में प्रकृति का चित्रण अवश्य मिलता है।
केदारनाथ जी के पिता स्वयं भी एक कवि थे, इसी कारण बचपन से ही उनकी रुचि लेखन तथा काव्य रचना में होने लगी थी। बचपन से ही ग्रामीण परिवेश में रहने के कारण प्रकृति के प्रति उनके मन में बहुत प्रेम तथा लगाव था।
Vah Chidiya Jo Poem Summary- वह चिड़िया जो कविता का सार: इस कविता में लेखक ने नीले पंखों वाली एक छोटी सी संतोषी चिड़िया के बारे में बताया है। उसे प्रकृति की हर वस्तु से अत्यंत लगाव है। कवि कहते हैं कि नीले रंग की छोटी चिड़िया को अन्न से बहुत प्यार है। वह बहुत ही रुचि और संतोष के साथ दूध भरे ज्वार के दाने खाती है। उसे अपने वन से भी बहुत प्यार है। वह बूढ़े वन में घूम-घूम कर अपने मीठे स्वर में वृक्षों के लिए प्यारे गीत गाती है। उसे एकांत और नदी से बहुत प्यार है। वह अत्यंत साहस के साथ उफनती नदी में से अपनी चोंच में पानी की बूंदें भर लाती है।
Ncert Solution for Class 6 Hindi Vasant All Chapters
Chapter 01. वह चिड़िया जो (केदारनाथ अग्रवाल)
Chapter 04. चाँद से थोड़ी-सी गप्पें (शमशेर बहादुर)
Chapter 10. झाँसी की रानी (सुभद्रा कुमारी चौहान)
Chapter 13. मैं सबसे छोटी होऊँ (सुमित्रानन्द पंत)
Chapter 16. वन के मार्ग में (वन के मार्ग में तुलसीदास)
Vah Chidiya Jo Poem Summary- वह चिड़िया जो कविता
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो-
कंठ खोलकर
बूढ़े वन-बाबा की ख़ातिर
रस उंँडेल कर गा लेती है
वह छोटी मुंँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी ग़रबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है।
CBSE Class 6 Hindi Chapter 1 Vah Chidiya Jo Solution- वह चिड़िया जो कविता का अर्थ
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो कविता का अर्थ: प्रथम पद में लेखक एक नीले पंखों वाली छोटी चिड़िया का उल्लेख करते हुए बता रहे हैं कि यह चिड़िया बहुत ही संतोषी है तथा उसे अन्न से बहुत प्यार है। वह दूध से भरे ज्वार के दानों को बहुत ही रुचि से और रस लेकर खाती है, अर्थात कवि इस पद के माध्यम से स्वयं के संतोषी होने तथा अन्न के महत्व के बारे में बता रहे हैं।
वह चिड़िया जो-
कंठ खोलकर
बूढ़े वन-बाबा की ख़ातिर
रस उंँडेल कर गा लेती है
वह छोटी मुंँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो कविता का अर्थ: द्वितीय पद में लेखक बता रहे हैं कि इस नन्ही चिड़िया को उस वन से भी बहुत प्यार है जिसमें वह रहती है तथा अपने बूढ़े वन बाबा और उसके वृक्षों के लिए वह अपने मीठे कंठ से मधुर और सुरीला गीत गाती है। उसे एकांत में रहना पसंद है तथा वह प्रकृति के साथ इस गीत का अकेले में आनंद लेना चाहती है।
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी ग़रबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो कविता का अर्थ: अंतिम पद में कवि कहना चाहते हैं कि यह नीले पंखों वाली छोटी सी चिड़िया अत्यंत साहसी और गर्व से भरी हुई है क्योंकि यह चिड़िया छोटी होने के बाद भी उफनती हुई नदी के ऊपर से जल रूपी मोती ले आती है अर्थात जल से अपनी प्यास बुझा लेती है और नदी से और उसके जल से भी बहुत प्यार करती है।
Ncert solution for class 6 hindi vasant Chapter 1 Vah Chidiya Jo Question and Answers
वह चिड़िया जो प्रश्न-उत्तर:
प्र.१. तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो तुम क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो।
उ.१. अगर हमें इस कविता को कोई और शीर्षक देना हो, तो हम इसे ‘चहचहाती नन्ही चिड़िया’ शीर्षक देंगे।
प्र.२. इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीजों से प्यार है?
उ.२. इस कविता के आधार पर नन्ही चिड़िया को खेतों में लगे जौ-बाजरे की फलियों से, वन से, एकांत से तथा जिस नदी से वह ठंडा पानी पीती है, उससे बहुत प्यार है।
प्र.३. आशय स्पष्ट करो:
रस उंडेल कर गा लेती है
उ.३. इस पंक्ति का आशय यह है कि चिड़िया खुश होकर गाने लगती है। उसके गाने में इतना मीठापन है कि जब वो गाती है, तो ऐसा लगता है जैसे उसने वातावरण में मीठा रस घोल दिया है।
प्र.४. आशय स्पष्ट करो:
चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है।
उ.४. इस पंक्ति का आशय यह है कि चिड़िया साहसी है। वह यूं ही बहती नदी से जल लेकर अपनी प्यास नहीं बुझाती, बल्कि उफनती हुई नदी के बीच से जल की बून्द रूपी मोती लेती है। इसी के साथ, वह नदी की भावनाओं का भी ध्यान रखकर, उसका मन टटोलकर, उसके जल से अपनी प्यास बुझाती है।
प्र.५. नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। उनमें यदि कोई पक्षी एक से अधिक रंग का है तो लिखो कि उसके किस हिस्से का रंग कैसा है? जैसे तोते की चोंच लाल है, शरीर हरा है।
मैना, कौआ, बतख, कबूतर
उ.५.
मैना | यह हल्के काले रंग की होती है। |
कौआ | यह काले रंग का होता है जिसमें पंख कहीं हल्के तो कहीं गहरे रंग के होते हैं। |
बतख | बतख की चोंच और पाँव हल्के पीले रंग के होते हैं, व पूरा शरीर सफेद पंखों से ढका होता है। |
कबूतर | यह सलेटी रंग का पक्षी होता है, जिसकी आँखें लाल और पाँव गुलाबी रंग के होते हैं। इसकी गर्दन पर हल्का सतरंगी निशान भी होता है। |
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प्रश्न-उत्तर:
प्र.१. उपरोक्त कविता में किस रंग की चिड़िया का उल्लेख किया गया है?
उ.१. इस कविता में नीले रंग की छोटी सी चिड़िया का उल्लेख किया गया है।
प्र.२. चिड़िया को किन-किन चीजों से बहुत प्यार है?
उ.२. इस नन्ही चिड़िया को अन्न, वन, एकांत तथा नदी से बहुत प्यार है।
प्र.३. नीले पंखों वाली इस चिड़िया का स्वभाव कैसा है?
उ.३. यह छोटी चिड़िया अत्यंत ही संतोषी स्वभाव की है।
प्र.४. चिड़िया किसे अपना मधुर गीत सुनाती है?
उ.४. यह चिड़िया बूढ़े वन बाबा तथा उसके वृक्षों को अपना मधुर गीत सुनाती है।
प्र.५. कवि इस कविता के माध्यम से क्या संदेश देना चाहते हैं?
उ.५. कवि श्री केदारनाथ अग्रवाल जी इस कविता के द्वारा छोटी चिड़िया की ही भांति हमसे संतोषी, साहसी और गर्व से परिपूर्ण होने के साथ-साथ प्रकृति से प्रेम करने का संदेश देना चाहते हैं।
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