सहर्ष स्वीकारा है कविता के प्रश्न उत्तर – Saharsh Sweekara Hai Poem Solution

सहर्ष स्वीकारा है कविता के प्रश्न उत्तर – Saharsh Swikara Hai Poem Solution Class 12

कविता के साथ 

1. टिप्पणी कीजिए; गरबीली गरबी, भीतर की सरिता, बहलाती – सहलाती आत्मीयता, ममता के बादल।
उत्तर- गरबीली गरबी– इस शब्द से तात्पर्य है अपने स्वाभिमान को बचा कर रखना एवं किसी के भी समक्ष हाथ ना फैलाना।
भीतर की सरलता से तात्पर्य मानवीय संवेदना से है।
बहलाती सहलाती आत्मीयता– कवि ने हमेशा उन लोगों का समर्थन किया है, जो पिछड़े हुए हैं। कवि उन्हीं के संपर्क में कहते हैं कि मुझे खुशी है कि मैं औरों की तरह स्वार्थी नहीं हूं और मैं इन लोगों के काम आ सकता हूं।
ममता के बादल से तात्पर्य कवि के मन से है, जो बिल्कुल कोमल एवं स्वच्छ है।

2. इस कविता में और भी टिप्पणी-योग्य पद-प्रयोग हैं। एसे किसी एक प्रयोग का अपनी ओर से उल्लेख कर उस पर टिप्पणी करें।
उत्तर- प्रस्तुत कविता के अनेक पद ही टिप्पणी करने के योग्य हैं। उदाहरण के लिए दिल में क्या झरना है? इस पद का अर्थ है कि जिस प्रकार झरनों से पहाड़ियों के चारों ओर पानी की बौछार होती है और उस पानी को आप चाह कर भी खाली नहीं कर सकते हैं, ठीक उसी प्रकार कवि भी अपने मन से अपने प्रियतमा के यादों को कभी भी खत्म नहीं कर सकते हैं।

3. व्याख्या कीजिए :
जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है
जितना भी उँड़ेलता हूँ, भर-भर फ़िर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुस्काता चाँद ज्यों धरती पर रात भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है!


उपर्युक्त पंक्तियों की व्याख्या करते हुए यह बताइए कि यहाँ चाँद की तरह आत्मा पर झुका चेहरा भूलकर अंधकार- अमावस्या में नहाने की बात क्यों की गई है ?
उत्तर- कवि गजानन माधव मुक्तिबोध औरों के दुख में हमेशा दुखित होते हैं। इसलिए वह अपने दुखों से मुक्ति पाना चाहते हैं। कवि कविता में कहते हैं जिस प्रकार दक्षिण ध्रुवी अमावस्या में चांद दिखाई नहीं देता है, उसी तरह ही मैं दुखियारी लोगों से दूर होकर खुद को स्वार्थी बनाना चाहता हूं।

4. तुम्हें भूल जाने की
दक्षिण ध्रुवी अधिकार-अमावस्या
शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पा लूँ मैं
झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं
इसलिए की तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित
रहने का रमणीय यह उजेला अब
सहा नहीं जाता है।

(क) यहाँ अंधकार-अमावस्या के लिए क्या विशेषण इस्तेमाल किया गया है और उससे विशेष्य में क्या अर्थ जुड़ता हैं ।
उत्तर- यहाँ अंधकार-अमावस्या के लिए दक्षिण ध्रुवी विशेषण का प्रयोग किया गया है।

(ख) कवि ने व्यक्तिगत संदर्भ में किस स्थिति को अमावस्या कहा हैं?
उत्तर- कवि व्यक्तिगत संदर्भ के रूप में अंधकार को अपने हृदय में हमेशा के लिए बसा लेना चाहते हैं, ताकि वह अपने हृदय से अपने प्रेमिका को पूर्ण रूप से मिटा सके।

(ग) इस स्थिति से ठीक वाले शब्द का व्याख्यापूवक उल्लेख करें।
उत्तर- कवि ने  प्रस्तुत कविता में अपनी प्रियतमा को आभा से पूर्ण रूप से घिरे रहने की परिस्थिति को प्रकाश के रूप में व्यक्त किया है। 

(घ) कवि अपने संबोध्य (जिसको कविता संबोधित हैं कविता का ‘तुम) को पूरी तरह भूल जाना चाहता है। इस बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने के लिए कवि ने क्या युक्ति अपनाई हैं? रेखांकित अंशों को ध्यान में रखकर उत्तर दें।
उत्तर- प्रस्तुत कविता में कवि अपने संबोध्य को पूर्ण रूप से भूल जाना चाहते हैं और इसके पीछे उन्होंने जो युक्ति दी है, वह युक्ति यह है कि वह अंधकार में लीन होना चाहते हैं, ताकि वह अपने प्रियतमा को हमेशा के लिए भूल सके।

5. ‘बहलाती-सहलाती आत्मीयता बरदाश्ता नहीं होती है‘ और कविता के’ शीर्षक ‘सहर्ष स्वीकारा है ‘  में आप कैसे अंतर्विरोध पाते हैं। चर्चा कीजिए।
उत्तर- प्रस्तुत कविता में एक ओर कवि जहां पर पिछड़े हुए लोगों की मदद करना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर वे कहते हैं कि मैंने अपने जीवन के समस्त दुखों को खुशी-खुशी स्वीकार किया है। कवि के जीवन में इतना दुख है जिसके कारण वह पूर्ण रूप से उब चुके हैं।

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