Patang Kavita Class 12 Question Answer – पतंग कविता प्रश्न अभ्यास

पतंग कविता का प्रश्न- अभ्यास – PATANG POEM QUESTIONS AND ANSWERS

प्रश्न 1. ‘सबसे तेज बौछारें गयीं, भादो गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।

उत्तर- प्रस्तुत कविता पतंग में कवि ने प्राकृतिक दृश्यों का बड़ा ही सुंदर चित्रण किया है। ऐसा कहा जाता है कि भादो के महीने में बहुत ही तेज़ वर्षा होती है। उनमें बौछारें भी होती है और बौछारों के समाप्त होने के पश्चात ही शरद ऋतु का आगमन होता है। जब शरद ऋतु का आगमन होता है, तो प्रकृति में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते हैं और वह बदलाव कुछ इस प्रकार हैं-
>कवि को सुबह का सूरज खरगोश की लाल-लाल आँखों जैसा दिखाई देता है।
>वातावरण संपूर्ण रूप से साफ एवं सुंदर दिखाई देता है।
>फूलों पर तितलियां मंडराती हुई दिखाई देती हैं।


प्रश्न 2. सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हलकी और रंगीन चीज़, सबसे पतला कागज़, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया गया है?

उत्तर- पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज़, सबसे पतला कागज़, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग कवि ने इसलिए किया है क्योंकि कवि पतंग के माध्यम से बालकों के सुलभ चेष्टाओं के विषय में बताना चाहते थे।
कवि कहते हैं जिस तरह पतंग हल्की एवं रंग-बिरंगी होती है, ठीक उसी तरह से बालकों का मन भी रंग- बिरंगा एवं हल्का होता है। प्रस्तुत कविता में कवि ने बालक मन की तुलना पतंग से की है।

प्रश्न 3. बिंब स्पष्ट करें-
सबसे तेज़ बौछारें गयीं। भादो गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतग उड़ाने वाले बच्चों के झुड को
चमकील इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके

उत्तर- खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा, तेज बौछारें, घंटी बजाते हुए जोर-जोर से, आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए, पतंग ऊपर उठ सके। इन सभी बातों में जो बिंब प्रयोग हुआ है वह सभी गतिशील, स्थिर, दृश्य, श्रव्य बिंब है।

प्रश्न 4. जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास – कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता हैं।

उत्तर- प्रस्तुत कविता के अनुसार कपास एवं बच्चों के मध्य एक बहुत ही गहरा संबंध स्थापित होता है। कपास बहुत ही हल्की और मुलायम होती है और कपास की जो प्रकृति होती है वह बिल्कुल निर्मल, स्वच्छ एवं निश्छल होती है।
कपास की तरह बालक भी निश्छल स्वभाव के होते हैं। उनके मन में किसी भी तरीके का कोई पाप नहीं होता है। वह भी कपास की तरह हल्के और मुलायम होते हैं। जिनसे सभी को प्यार हो जाता है। उनकी मासूमियत उनके चेहरे से ही कपास की तरह चमक रही थी।

प्रश्न 5. पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं- बच्चों का उड़ान से कैसा संबंध बनता हैं?

उत्तर- प्रस्तुत कविता में पतंग बच्चों के कोमल भावनाओं का परिचायक है। ऐसा देखा जाता है कि जब पतंग उड़ती है, तो उस पतंग के साथ बच्चों का मन भी उड़ता रहता है। जब बच्चे पतंग उड़ाते हैं तब वे बहुत ज्यादा उत्साहित होते हैं।

मन ही मन कल्पना करते हैं कि काश वह भी आसमान की ऊंचाइयों को इन पतंग के माध्यम से छू पाते लेकिन उन्हें यह भी पता है कि यदि वह पतंग की तरह आसमान में उड़ेंगे, तो इनसे उन्हें खतरा भी हो सकता है। इसलिए वे समस्त कठिनाइयों का भी ध्यान रखते हैं और पतंग उड़ाते हैं।

प्रश्न 6. निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

(क) छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं की मृदंग की तरह बजाते हुए।

(ख) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से
और बच जाते हैं तब तो
और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।

>दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य हैं?
>जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती हैं?
>खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं?

उत्तर- (क) इन पंक्तियों का आशय यह है कि जब बच्चे पतंग उड़ाते हैं, उस वक्त बच्चे ऊंची दीवारों से छतों पर कूद जाते हैं। उनके मन में उस वक्त एक संगीत उत्पन्न होता है, यह संगीत मृदंग की ध्वनियों जैसा प्रतीत होता है साथ ही बच्चों का शोर भी चारों दिशाओं में गूंजता रहता है।

(ख) जब पतंग सामने होती है उस वक्त छतों पर दौड़ते हुए बच्चों को कठोर इसलिए नहीं महसूस होता है क्योंकि उस वक्त बच्चों का पूरा ध्यान पतंग पर होता है। वह पतंग को देखकर ही छत से इधर-उधर कूद जाते हैं और उस वक्त बच्चों को ऐसा लगता है कि मानो वह पतंग के साथ ही उड़ रहे हों।

(ख) खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद हम दुनिया के चुनौतियों के सामने स्वयं को बहुत ही ज्यादा सक्षम मानते हैं। हम में ना जाने कहां से इतना साहस एवं निडरता का भाव उत्पन्न हो जाता है और हम भय को कोसों दूर छोड़ आते हैं।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर – Sample Question Answer

प्रश्न 1.खरगोश की आँखों जेसा लाल सवेरा ‘ कवि ने ऎसा क्यों कहा है? 

उत्तर- कवि ने शरद ऋतु की तुलना खरगोश की लाल आँखों से की है, वो कहते हैं कि जब शरद ऋतु आता है, तो सुबह जब सूरज की किरणें जो पृथ्वी पर पड़ती हैं वो बिल्कुल खरगोश की आँखों जैसा लगता है।

प्रश्न 2. जन्म से ही वे लाते हैं अपने साथ कपास, इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करे?

उत्तर कवि इस पंक्ति में कपास का आशय बच्चों के पैर से करते हैं, जो बेहद मुलायम और नरम होते हैं जैसे कि कपास होता है,

प्रश्न 3. पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है, है उनके बैचेन पैरों के पास, कवि ऐसा क्यों कहते हैं? 

उत्तर- बच्चे जब पतंग उड़ाते हैं तब वे दौड़ते-भागते रहते हैं, कभी इधर तो कभी छत के किनारे, उस वक़्त लगता है कि बच्चे नहीं दौड़ रहे, बल्कि पृथ्वी ही उनके पीछे भाग रही है। 

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