Ncert Solutions Class 10 Hindi Kshitij Chapter 5
उत्साह प्रश्न-अभ्यास
उत्साह प्रश्न 1- कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों?
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- उत्साह कविता में कवि ने बादलों को पुकारा है। मगर, वो बादलों से बारिश करने के बजाय गरजने के लिए कहते हैं। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि वो बादलों के जरिये लोगों के मन में क्रांति का बीज बोना चाहते हैं, जन-जन में उत्साह का संचार करना चाहते हैं। बादलों की गर्जना लोगों के मन को हिलाकर रख देगी और सभी लोग उत्साहित हो जाएंगे। बारिश से लोगों के मन में कोमल भावनाएं उत्पन्न होती हैं, जिनकी मदद से क्रांति संभव नहीं है। इसलिए कवि ने बादलों से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहा है।
उत्साह प्रश्न 2- कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- कवि ने अपनी इस कविता का नाम उत्साह इसलिए रखा है क्योंकि वो इस कविता के जरिये लोगों के मन में क्रांति का उत्साह पैदा करना चाहते हैं। उत्साह एक सकारात्मक भावना है, जिससे लोगों के मन में उमंग और ख़ुशी आती है और कोई अच्छा काम संभव हो पाता है। उत्साह कविता में कवि ने बादलों को बरसने के बजाय गरज-गरज कर लोगों के मन में क्रांति की भावना जागृत करने के लिए कहा है। कवि मानते हैं कि बादलों की गर्जना से लोगों के मन में छाया दुःख और निराशा दूर होगी और वो उत्साह व सकारात्मकता से भर जाएंगे। कवि के अनुसार कोई भी काम बिना उत्साह के नहीं किया जा सकता है। इसलिए उन्होंने इस कविता का शीर्षक उत्साह रखा है और इसमें लोगों के मन में जोश व उत्साह से भरने का प्रयास किया है।
उत्साह प्रश्न 3- कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है –
- कविता में बादल नए कवियों के लिए कविता रचने की प्रेरणा और उत्साह के रूप में चित्रित हुए हैं।
- कविता के अनुसार बादल मानव जीवन के दुःख व परेशानियों का अंत करने की शुरुआत करते हैं।
- बादलों को जीवन में नवीनता और परिवर्तन का स्वरूप भी माना गया है।
- कवि ने बादल के गरजने को उत्साह पैदा करने वाले नाद के रुप में प्रयोग किया है।
- साथ ही, कविता में बादल मानव जीवन में क्रांति और बदलाव की शुरुआत करते हैं।
उत्साह प्रश्न 4- शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):-
विद्युत छबि,
घेर-घेर गगन
ललित-ललित काले घुंघराले
शीतल कर दो – बादल, गरजो
इत्यादि ऐसे शब्द हैं, जिनसे नाद सौंदर्य का भाव मिलता है।
अट नहीं रही है प्रश्न-अभ्यास
अट नहीं रही है प्रश्न 1. छायावाद की एक खास विशेषता है अन्तर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- कविता की निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर हमारी यह धारणा पुष्ट होती है:
आभा फागुन की तन
सट नहीं रही है।
और
कहीं साँस लेते हो,
घर घर भर देते हो,
उड़ने को नभ में तुम,
पर पर कर देते हो।
अट नहीं रही है प्रश्न 2. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- फागुन के महीने की प्रकृति की सुंदरता सबका मन मोह लेती है। हम सभी इसकी तरफ आकर्षित हो जाते हैं क्योंकि इस महीने में प्रकृति में यौवन भरा होता है। हर तरफ फूल खिले होते हैं, हरियाली होती है और प्रकृति में ख़ुशी का माहौल रहता है। इस मास में प्रकृति में मादकता और मस्ती का वातावरण छाया रहता है। इसकी वजह से कोई भी प्रकृति प्रेमी इससे दूर नहीं रह सकता है। कवि भी एक प्रकृति प्रेमी हैं, उन्हें भी प्रकृति अपने मादक रूप से आकर्षित कर रही है, जिसकी वजह से उनकी आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।
अट नहीं रही है प्रश्न 3. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है ?
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- ‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी ने प्रकृति के रूप का वर्णन इस प्रकार से किया है:
- फागुन के महीने में सब पेड़-पौधे मानो फिर से जीवित हो उठते हैं।
- प्यारी-प्यारी कलियाँ खिल जाती हैं, जिनसे चारों ओर भीनी-भीनी महक फैलने लगती है।
- नए-नए खिले फूलों की बदौलत सारे वातावरण में खुशबू भरी मंद-मंद हवा बहने लगती है।
- बागों में सुंदर-सुंदर तितलियां उड़ने लगती हैं।
- कुल-मिलाकर ‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि ने प्रकृति के यौवन और मादकता से भरे खुशनुमा रूप का वर्णन किया है।
अट नहीं रही है प्रश्न 4. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है ?
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- पतझड़ के कारण वृक्ष पीले, उदास और मुरझाए हुए लगते हैं। उनके फूल-पत्तियां झड़ जाते हैं। हवाएं भी काफी खुश्क और चुभन भरी रहती हैं। तेज गर्मी और सर्दी के समय भी माहौल हमारे अनुकूल नहीं होता है और सबको काफी कठिनाई होती है। मगर, फागुन के आते ही मानो प्रकृति का रंग-रूप ही बदल जाता है। ऐसा लगता है, मानो उसकी जवानी फिर से लौट आई हो। सब पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं, उन पर कलियाँ खिलने लगती हैं। हर तरफ भीनी-भीनी खुशबू छाई रहती है और माहौल में खुशियां फ़ैल जाती हैं। ऐसे में प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती है। जिस वजह से हमारा मन काफी प्रफुल्लित और उत्साह से भरा रहता है।
अट नहीं रही है प्रश्न 5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ बताएँ।
Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- ‘उत्साह’ और ‘अट नहीं रही है’ कविताओं के आधार पर कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी काव्य-शिल्प की विशेषताएं निम्न हैं:
- प्रकृति के चित्रण में कवि ने नीरसता का चित्रण बिल्कुल नहीं किया है, बल्कि जीवन के सकारात्मक पहलुओं के बारे में बताया है।
- कविताओं में उन्होंने अलंकारों का भरपूर प्रयोग किया है, जिससे उनकी कविताएं और भी ज्यादा मधुर व प्यारी लगती हैं। जैसे, उन्होंने फागुन का मानवीकरण किया है।
- कवि का शब्द चयन वाकई ‘निराला’ है, वह बेहद कम शब्दों में कई गहरी बातें कह देते हैं।
- अपनी कविताओं में उन्होंने प्रतीकात्मक शब्दों का भी प्रयोग किया है, जिससे उनके भावों को प्रस्तुत करने के ढंग में एक नयापन आ जाता है।
- वे अपनी कविताओं को इस प्रकार लिखते हैं कि हमारी आँखों के सामने कविता में हो रही घटनाओं व भावों का एक दृश्य बिंब बन जाता है यानि हम कविता के भाव महसूस कर पाते हैं, जैसे कि ‘यह दृश्य कितना सुन्दर होगा’।