Aao Milkar Bachaye Class 11 Question Answer

Aao Milkar Bachaye Solution- आओ मिलकर बचाएं प्रश्न अभ्यास

Aao milkar bachaye प्रश्न 1. माटी का रंग प्रयोग करते हुए किस बात की ओर संकेत किया गया है?

Aao milkar bachaye उत्तर- इस कविता में माटी का रंग से अभिप्राय है, अपनी मिट्टी का रंग कवयित्री इस संपूर्ण कविता में यही बताना चाहती हैं कि वह अपने बस्ती के लोगों को शहरी वातावरण के रंग में ढलता हुआ बिल्कुल भी नहीं देख सकती हैं।

इसलिए वह वहां के लोगों से आवाहन करती हैं कि वह शहरी वातावरण में ना ढलकर अपनी संस्कृति में ढले, क्योंकि उनकी संस्कृति में शहरी संस्कृति से ज्यादा अच्छा वातावरण है और वह अपने झारखंड के स्वभाव को भी नष्ट नहीं होने देना चाहती है।


Aao milkar bachaye प्रश्न 2. भाषा में झारखंडी पन से क्या अभिप्राय है?

Aao milkar bachaye उत्तर- झारखंडी अर्थात झारखंड की अपनी मातृभाषा। कवयित्री अपनी भाषा को नहीं खोना चाहती हैं, अपनी पहचान को नहीं खोना चाहती हैं।

Aao milkar bachaye प्रश्न 3. दिल के भोलेपन के साथ-साथ अक्खड़पन और जुझारूपन को भी बचाने की आवश्यकता पर बल क्यों दिया गया है?

Aao milkar bachaye उत्तर- कवयित्री जानती है कि उनके समाज के लोग बड़े ही साफ दिल के व्यक्तित्व वाले हैं। लेकिन शहरी वातावरण के कारण उनका यह अच्छा पन, भोलापन नष्ट हो सकता है।

इसलिए वह चाहती हैं कि उनके समाज के लोगों के अंदर का वह सरल स्वभाव ना मिटे। उन्हें सही गलत की समझ हो। वह उनकी संघर्षशील स्वभाव से रक्षा करना चाहती हैं, ताकि जीवन की हर कठिन स्थिति में वे लड़ने के लायक बन सके।

Aao milkar bachaye प्रश्न 4. प्रस्तुत कविता आदिवासी समाज की किन बुराइयों की ओर संकेत करती है?

Aao milkar bachaye उत्तर- इस कविता के माध्यम से कवयित्री ने अपने समाज के लोगों को शहरी वातावरण में जाने से बचने को कहा है। आदिवासी समाज के जिन बुराइयों की ओर उन्होंने संकेत किया है वह कुछ इस प्रकार है

  • आदिवासी लोग शहरीकरण के कारण अपनी व्यक्तित्व को भूलते जा रहे हैं।
  • वे लोग अशिक्षित है।
  • शहरीकरण के कारण संथाली लोग शराबी बनते जा रहे हैं।
  • संथाली लोगों के अंदर अब आत्मविश्वास की कमी होती जा रही है।
  • आदिवासियों की पहचान खत्म होती जा रही है।

Aao milkar bachaye प्रश्न 5. इस दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है से क्या आशय है?

Aao milkar bachaye उत्तर- कवयित्री ने वर्तमान समाज की ओर संकेत करते हुए कहा है, कि अब वह समाज है, जिस समाज में कोई भी एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करता है। जिस कारण वह अपनी बर्बादी खुद ही लाते हैं।

हमें कुछ अच्छा करने के लिए लोगों पर विश्वास करना बहुत जरूरी है, क्योंकि जब तक हम विश्वास नहीं करेंगे, तब तक हम जिंदगी में कैसे आगे बढ़ेंगे।

इस तरीके से उन्होंने ना सिर्फ अपनी भाषा को बचाने का प्रयास किया है बल्कि अपने संस्कृति के सभी प्रकार के गुणों के बारे में बताकर अपनी सभ्यता को भी बचाने का भरपूर प्रयास किया है।

Aao milkar bachaye प्रश्न 6. निम्नलिखित पंक्तियों के काव्य- सौंदर्य को उद्घाटित कीजिए।

क) ठंडी होती दिनचर्या में जीवन की गर्माहट

उत्तर- इन पंक्तियों का तात्पर्य जीवन की दुख को सुख में परिवर्तित करने के लिए प्रयोग किया गया है। यह काव्य पंक्तियां छंद मुक्त है। भाषा सरल एवं सहज है।

ख) थोड़ा- सा अविश्वास
      थोड़ी-सी उम्मीद
      थोड़े-से सपने
      आओ,मिलकर बचाएं

उत्तर- प्रस्तुत काव्य पंक्तियों की भाषा बहुत ही सहज एवं सुबोध है। एक बेहतर भविष्य की कल्पना करते हुए सभी को एक साथ मिलकर चलने की प्रेरणा दी गई है। यह कविता प्रेरणा का स्रोत है।

Aao milkar bachaye प्रश्न 7. बस्तियों को शहर के किस आबो-हवा से बचाने की आवश्यकता है?

Aao milkar bachaye उत्तर- शहरी संस्कृति से आदिवासी बस्तियों को बचाने की जरूरत है। शहरी संस्कृति आदिवासियों को मर्यादा से हटा रही है।

शहरीकरण का प्रभाव बस्तियों में इस तरह से बढ़ रहा है जिसे देखकर कवयित्री भयभीत हो चुकी है और अब उन्होंने निर्णय किया है कि वह अपनी बस्ती अपने झारखंड को शहरीकरण में परिवर्तित होने से बचा कर ही रहेगी।

इसलिए वह बार-बार इस कविता के माध्यम से लोगों को साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए कह रही है ताकि वह अपनी संस्कृति अपनी झारखंड को बचा सके।

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