My Mother At Sixty Six Summary In Hindi – Kamala Das

Class 12 English Chapter 1 My Mother At Sixty Six Summary In Hindi

कमला दास द्वारा रचित “My Mother at Sixty Six” कविता 1999 में प्रकाशित हुई थी। इस कविता में कवयित्री के माता-पिता की घर से एयरपोर्ट तक की यात्रा का वर्णन है। इसी यात्रा के दौरान उन्हें अचानक यह अहसास होता है कि उनकी माता कितनी बूढ़ी हो चुकी है। यही बात कवयित्री को यह सोचने पर मजबूर करती है कि वह (उनकी माता) आज नहीं तो कल कैसे मारेंगी।

About the Poet Kamala Das in Hindi

कमला दास जी का जन्म 31 मार्च 1934 को केरल के त्रिशूर में हुआ था। उनका अधिकांश बचपन कलकत्ता में कलाकारों से भरपूर परिवार में बिता था। जहां वे अकेलापन महसूस करती थीं। किशोरावस्था में ही उनकी शादी उम्र में काफी बड़े व्यक्ति के साथ कर दी गई। युवा अवस्था में ही वे माँ भी बन गईं। यही कारण है कि उनकी कविताओं में इस असहज रिश्ते से पैदा होने वाली भावनात्मक और यौन समस्याएं देखने को मिलती हैं।

कमला दास जी ने अंग्रेजी और मलयालम दोनों में कविता, लघु कथाएँ, उपन्यास और आत्मकथाएं लिखीं। उन्होंने घरेलू और यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई। उनकी कई पुस्तकों में महिलाओं की यौन इच्छाओं और वैवाहिक समस्याओं का खुलकर ज़िक्र मिलता है।


“एक परिचय” और “निमंत्रण” उनकी सबसे प्रसिद्ध कविताओं में से एक है। 1985 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इससे एक साल पहले ही नोबेल पुरस्कार के लिए उनका नाम अंकित किया गया था। 31 मई 2009 को उनकी मृत्यु हो गई।

My Mother At Sixty Six Summary/Explanation In Hindi

Lines 1 – 4:
Driving from my parent’s
home to Cochin last Friday
morning, I saw my mother,
beside me,

My Mother At Sixty Six Summary In Hindi:
इन पंक्तियों में, कवयित्री पिछले हफ्ते अपनी माता-पिता के घर से कोचिन के लिए वापस यात्रा को याद करती हैं। उस दिन शुक्रवार था और उस सुबह, वह अपनी मां के साथ आगे की सीट पर बैठी गाड़ी चला रही थीं।

Lines 5 – 10:
doze, open mouthed, her face
ashen like that
of a corpse and realised with pain
that she was as old as she
looked but soon
put that thought away, and

My Mother At Sixty Six Summary In Hindi:
इन पंक्तियों में, कमला दास जी कहती हैं कि वे अपनी मां को आगे की सीट पर सोइ हुई अवस्था में देख रही थीं, उनका  मुंह थोड़ा सा खुला हुआ था। उनकी मां का चेहरा पीला दिख रहा था। यह दृश्य कवयित्री को मृत शरीर के समान सफेद चेहरे की याद दिला रहा था। इसी वजह से उन्हें यह महसूस होता है कि उनकी मां अब युवा नहीं रहीं, वो समय के साथ बूढ़ी हो चुकी थीं। यह उनके चेहरे से साफ़ झलक रहा था। परन्तु फिर भी कवयित्री को यह स्वीकार करने में बहुत मुश्किल हो रही थी। इसलिए वे अपना ध्यान कहीं और केंद्रित करना चाह रही थीं।

Lines 11 – 15:
looked out at Young
Trees sprinting, the merry children spilling
out of their homes, but after the airport’s
security check, standing a few yards
away, I looked again at her, wan, pale

My Mother At Sixty Six Summary In Hindi:
इन पंक्तियों में, कवयित्री कहती हैं कि उन्होंने अपनी बूढ़ी हो चुकी माँ से अपना ध्यान हटाया और गाड़ी की खिड़की से बहार देखने लगी। उनकी आँखे उन वृक्षों पर पड़ रही थी, जिन्हे उनकी गाड़ी पीछे छोड़ती हुई चली जा रही थी। कार इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रही थी कि रिलेटिव मोशन के कारण ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पेड़-पौधे पूरी गति से पीछे चले जा रहे हों।

कमला दास जी को ऐसा लग रहा था कि अगर पेड़ों के पास इतनी तीव्र गति से चलने की शक्ति है, तो उनकी उम्र काफी कम होनी चाहिए। कवयित्री की आँखें उन बच्चों पर भी पड़ती हैं, जो अपने घरो से बड़े उत्साह से खेलने की लिए बहार निकल रहे थे। कवयित्री इन सभी जगहों को पार करते हुए हवाई अड्डे तक पहुंच जाती है। इस तरह वे अपना ध्यान भटकाने में सफल हो जाती हैं। परन्तु ऐरपोट में सुरक्षा जांच के बाद जब वे अपनी माँ को बिलकुल सामने खड़ी होकर देखती हैं, तो उन्हें फिर से अपनी माँ बहुत ही बूढ़ी और कमजोर दिखाई देती हैं।

Lines 16 – 20:
as a late winter’s moon and felt that old
familiar ache, my childhood’s fear,
but all I said was, see you soon, Amma,
all I did was smile and smile and
smile……

My Mother At Sixty Six Summary In Hindi:
इन पंकितयों में कवयित्री अपनी माँ की तुलना उस चाँद से करती हैं , जो सर्दियों की अंतिम रातों में दिखाई पड़ता है। इससे उन्हें बचपन के दौरान सबसे ज्यादा डर लगने वाली बात याद आ जाती है। उनका डर है कि उनकी मां एक दिन मर जाएगी। यह भय उन्हें पहले भी कई बार परेशान कर चूका था और अभी भी तकलीफ दे रहा है। लेकिन वह अपने भय को दिखाना नहीं चाह रही थी।

कवयित्री बहुत ही साहस के साथ अपनी माँ को अलविदा कहती हैं। वे अपनी माँ को यह अस्वासन देती हैं कि वह फिर उनसे जल्द ही मिलने आएँगी। इस पुरे वार्तालाप के दौरान अंदर ही अंदर बहुत ही तकलीफ में होने के बाउजूद भी कवयित्री के चेहरे में खुसी झलक रही थी।

My Mother At Sixty Six Poem By Kamala Das

Driving from my parent’s
home to Cochin last Friday
morning, I saw my mother,
beside me,
doze, open mouthed, her face
ashen like that
of a corpse and realised with pain
that she was as old as she
looked but soon
put that thought away, and
looked out at Young
Trees sprinting, the merry children spilling
out of their homes, but after the airport’s
security check, standing a few yards
away, I looked again at her, wan, pale
as a late winter’s moon and felt that old
familiar ache, my childhood’s fear,
but all I said was, see you soon, Amma,
all I did was smile and smile and
smile……

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